बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
एन. सी. टी. ई. के लक्ष्य लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद
(NCTE)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में यह कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद को शिक्षक-शिक्षा संस्थाओं को प्रत्यापित करने तथा पाठ्यचर्या व पद्धतियों के बारे में दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधन तथा क्षमता उपलब्ध करायी जायेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कार्य योजना में इसे संवैधानिक साकार रूप प्रदान किया गया। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद विधेयक 1993 लोकसभा द्वारा 145-93 को तथा राज्यसभा द्वारा 9.12.93 को पारित किया गया। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 के नाम से जाना गया। इस अधिनियम के अनुसार इस परिषद् अधिनियम 1993 के नाम से जाना गया। अधिनियम के अनुसार इस परिषद में निम्नलिखित को सदस्यता प्राप्त है
(1) केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा सदस्य सचिव।
(2) निम्नलिखित पदेन सदस्य होंगे -
(i) शिक्षा विभाग का सचिव,
(ii) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का चेयरमैन,
(iii) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद का निदेशक,
(iv) राष्ट्रीय शैक्षिक आयोजन तथा प्रशासन संस्थान (नीपा) का निदेशक,
(v) प्लानिंग कमीशन का शिक्षा सलाहकार
(vi) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का चेयरमैन,
(vii) वित्त सलाहकार,
(viii) अखिल भारतीय तकनीकी की शिक्षा परिषद का सदस्य सचिव, तथा
(ix) सभी क्षेत्रीय समितियों के चेयरमैन।
(3) भारत सरकार द्वारा नियुक्त निम्न 13 व्यक्ति
(i) शिक्षा संकायों के अधिष्ठाता तथा विश्वविद्यालयों में शिक्षा के प्रोफेसर - चार।
(ii) माध्यमिक शिक्षक शिक्षा का विशेषज्ञ - एक।
(iii) पूर्व माध्यमिक तथा प्राथमिक शिक्षक-शिक्षा के विशेषज्ञ - तीन
(iv) नॉन फारमल एजूकेशन तथा प्रौढ़ शिक्षा के विशेषज्ञ - दो।
(v) प्राकृतिक विज्ञान, समाज विज्ञान, भाषा-विज्ञान, व्यावसायिक शिक्षा, कार्य-अनुभव, शैक्षिक तकनीकी तथा विशेष शिक्षा के क्षेत्रों के विशेषज्ञ - तीन।
(4) भारत सरकार द्वारा नियुक्त 9 सदस्य जो राज्यों तथा संघशासित क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे।
(5) संसद के तीन सदस्य लोकसभा को तथा एक राज्य सभाकार।
(6) भारत सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्य जो प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों का प्रतिधित्व करेंगे।
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- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।