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फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र

यूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स

प्रकाशक : कानपुर पब्लिशिंग होम प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 307
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर

प्रश्न- N.C.E.R.T से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व व कार्यों की समीक्षा कीजिए।

उत्तर-

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद
(N.C.E.R.T)

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) की स्थापना सितम्बर, 1961 में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में नई दिल्ली में की गयी। स्कूली शिक्षा, अध्यापकों की शिक्षा, महिला शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा शोध करना, इस संस्था के मुख्य उद्देश्य हैं।
एन.सी.ई.आर. टी. का संचालन एक निदेशक के नेतृत्व में विभिन्न संकायों (उपविभागों) द्वारा होता है। निदेशक-ख्याति प्राप्त, विद्वान, शिक्षक व शिक्षाविद होते हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन, प्रशासन व निर्देशन का व्यापक अनुभव होता है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् का महत्व एवं कार्य -
इस परिषद का महत्व एक कार्य स्कूली शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा के प्रसार एवं उनमें गुणात्मक सुधार करना है और इस कार्य हेतु सरकार को समय-समय पर सलाह देना और साथ ही सरकार की नीति के अनुसार स्कूली शिक्षा और शिक्षक शिक्षा के स्वरूप का निर्धारण करना है। इसके महत्व एवं कार्यों को निम्नांकित रूप में समझा जा सकता हैं -
1. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों का स्वरूप एवं उनके स्तरमान को निर्धारित करना।
2. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों के उद्देश्य निश्चित करना और उनके लिए पाठ्यचर्या का निर्माण करना।
3. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए पाठ्य-पुस्तकों का निर्माण करना।
4. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए शिक्षण विधियों का विकास करना।
5. स्कूलों में विज्ञान की शिक्षा हेतु विज्ञान किटें है तैयार करना।
6. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों के छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों के मूल्यांकन की वस्तुनिष्ठ तकनीक का विकास करना।
7. स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान खोजना।
8. स्कूली शिक्षा और शिक्षक शिक्षा से सम्बन्धित सूचनाएँ एवं आँकड़ों को एकत्रित करना और उन्हें प्रकाशित एवं प्रसारित करना।
9. प्रतिभा खोज परीक्षा और जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा का सम्पादन करना।
10. प्रौढ शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग प्रदान करना।
11. राष्ट्रीय पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्रदान करना।
12. स्कूली शिक्षा, जनसंख्या शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा सम्बन्धी पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन एवं प्रकाशन करना।
13. स्कूली शिक्षा, जनसख्या शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा प्रौढ शिक्षा और शिक्षक शिक्षा से सम्बन्धित सॉफ्टवेयर तैयार करना और उनका प्रसारण करना।
14. स्कूली शिक्षा शिक्षकों 'सेवा पूर्व और सेवारत के प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा निश्चित करना और उनके लिए प्रशिक्षण एवं अभिनव पाठक्रम की व्यवस्था करना।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि एन.सी.ई.आर.टी. एक राष्ट्रीय संस्था है जो अपने कार्यक्रमों, नीतियों, पाठ्यक्रमों को सीधे न लागू करके राज्य सरकारों में स्थित शिक्षा विभाग व राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद (S.C.E.R.T.) के माध्यम से लागू करती है। केन्द्रीय शिक्षा बोर्डों व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विद्यालयो में, शैक्षिक संस्थानों में अपना पाठ्यक्रम व कार्यक्रम लागू करती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
  4. प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
  6. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
  7. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
  8. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
  9. प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
  10. प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  14. प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
  18. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  19. प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  23. प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
  26. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
  27. प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
  28. प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
  29. प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
  30. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
  31. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  32. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  33. प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
  34. प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
  36. प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
  37. प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
  40. प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
  46. प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।

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