बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- ओवर हेड प्रोजेक्टर (OHP) क्या है? सामाजिक विज्ञान शिक्षण में इसकी उपयोगिता बताइए।
अथवा
ओवर हेड प्रोजेक्टर की शैक्षिक उपयोगिता का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
ओवर हेड प्रोजेक्टर
(Over Head Projector : OHP)
आजकल ओवर हेड प्रोजेक्टर (OHP) का प्रयोग सेमिनार, संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों आदि में व्यापक रूप से देखा जा सकता है परंतु अब कक्षा शिक्षण में भी इसका प्रयोग आरम्भ हो गया है। इसमें प्रदर्शन की तकनीक सबसे सरल होती है।
शिक्षा शब्दकोश के अनुसार, “ओवर हेड प्रोजेक्टर एक विशेष प्रकार की लेंसों के प्रयोग द्वारा पारदर्शी शीटों की उच्च शक्तिवान सतह/प्रतिबिंबों के रूप में चित्र, आकृति व लेख को नियमित स्थिति द्वारा प्रोजेक्टर में नियत है, जिसमें इतना अधिक प्रकाश नियत शीट से ट्रांसपेरेंसी के माध्यम से ऊपर के समतल लेपस्क्रीन पर प्रतिबिंबित होकर की शीट की ओर तत्सम्बंधी पर्दे के लिए परावर्तित होता है, जो दर्शकों के सामने रखा होता है। यह पूर्णतः प्रकाशीय युक्त आधुनिक उपकरण-यंत्रक की भांति उपयोग किया जाता है।”
अब इसका ओवर हेड प्रोजेक्टर सामाजिक विज्ञान की विषय-वस्तु से सम्बन्धित तथ्य/विवरण/अध्याय/स्क्रीन/चित्र आदि पर विभिन्न ट्रांसपेरेंसियों 18×22.5 सेमी. के आकार में तैयार कर ली जाती हैं। कक्षा में शिक्षक ओवर हेड प्रोजेक्टर को अपनी प्रदर्शन मेज पर रखता और रक्षक/विवरण चित्र आदि को क्रम से संचालित कर देता है। तत्पश्चात शिक्षक तैयार ट्रांसपेरेंसी को प्रोजेक्टर के शीशे पर रखता है। इसके प्रदर्शन सामग्री 1.5×1.5 मी. आकार में पर्दे पर उभर आता है। इसके पश्चात शिक्षक आवश्यकता अनुसार व्याख्यान प्रस्तुत करके विषय-वस्तु को स्पष्ट करता है। इससे विषय-वस्तु छात्रों को सरलता से समझ में आ जाती है।
ओवर हेड प्रोजेक्टर के प्रमुख भाग (Main Parts of the Over Head Projector)
इसके निम्नलिखित भाग होते हैं :
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केबिनेट,
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प्रोजेक्शन बल्ब,
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ठण्डा करने की व्यवस्था,
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फोकस व्यवस्था।
ओवर हेड प्रोजेक्टर की शैक्षिक उपयोगिता (Educational Utility of OHP) – इसकी निम्नलिखित शैक्षिक उपयोगिताएँ हैं –
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ओवर हेड प्रोजेक्टर (OHP) के उपयोग के कारण छात्रों का ध्यान निरन्तर विषय-वस्तु पर केन्द्रित होता रहता है।
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OHP का संचालन आसान है। इसके लिये किसी प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
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इसके द्वारा पाठ का विकास पद प्रति पद (Step by Step) आसानीपूर्वक किया जा सकता है।
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समस्या के समाधान में यह शिक्षक एवं छात्रों को सामूहिक रूप से कार्य करने के अवसर प्रदान करता है।
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इसके प्रदर्शन से जाने वाली सामग्री को सरलता से संबंधित किया जा सकता है।
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इसके प्रयोग से विषय-वस्तु को रोचक एवं प्रभावपूर्ण बनाया जा सकता है।
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इसके माध्यम से छात्रों में प्राप्त ज्ञान बहुत समय तक स्थायी बना रहता है।
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इसके उपयोग से छात्रों में विषय के प्रति रुचि उत्पन्न की जा सकती है।
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