बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मल्टीमीडिया के महत्त्व को उदाहरण सहित समझाइए। शिक्षा के क्षेत्र में प्रयुक्त किये जाने वाले मल्टीमीडिया साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीमीडिया का महत्त्व
(Importance of Multimedia in Education)
आधुनिक समय में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जितना अधिक विकास हुआ है शायद अन्य क्षेत्रों में उतना विकास कहीं नहीं हुआ होगा। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास ने जनसंख्या के क्षेत्र को विश्वव्यापी बना दिया है। विद्यार्थियों तक घटनाओं की सूचना सहज रूप से प्राप्त हो रही है। न तो सिर्फ पढ़ने को ही नहीं मिल रही है अपितु सुनने और देखने को भी मिल रही है। यही कारण है कि "मल्टीमीडिया का महत्त्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।"
शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीमीडिया का महत्त्व निम्न प्रकार से है -
(1) दूरदर्शन का प्रयोग - शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो तथा दूरदर्शन का भारत में पिछले लगभग पचास वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। सन् 1961 ई. में पहली बार दिल्ली के विद्यालयों में टेलीविजन का प्रयोग किया गया था। बाद में मुम्बई, चेन्नई तथा श्रीनगर के दूरदर्शन केन्द्रों के द्वारा भी इसका उपयोग किया जाने लगा। सन् 1982 ई. में भारतीय राष्ट्रीय सेटेलाइट (इनसैट) की स्थापना की गई। इसकी सहायता से प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए टेलीविजन को बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया। आज भी अनेक टेलीविजन कार्यक्रम प्रतिदिन एक निश्चित समय पर प्रस्तुत किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न दूरदर्शन केन्द्रों के द्वारा अलग-अलग भाषाओं में प्रसारित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों से छात्रों को निश्चित रूप से शैक्षिक लाभ मिल रहा है।
(2) इन्टरनेट (Internet) का उपयोग - इन्टरनेट एक अत्याधुनिक संचार प्रौद्योगिकी के रूप में विकसित हुआ है जिसमें दुनिया भर के करोड़ों-अरबों कम्प्यूटर एक नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इन्टरनेट को सामान्य तौर पर कम्प्यूटर की विश्वव्यापी पुस्तक के रूप में जाना जाता है। इसके माध्यम से आधुनिकतम जानकारी प्राप्त की जाती है तथा आवश्यक सूचना संचालित होती है। इन्टरनेट के द्वारा किसी भी नवीनतम खबरें पलभर में प्राप्त की जा सकती हैं। इसके द्वारा अनेक मल्टीमीडिया सम्बन्धी कार्यक्रम प्राप्त किए जाते हैं जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के डायग्राम, डिजिटल स्लाइड्स।
(3) ई-मेल का प्रयोग - ई-मेल एक ऐसा माध्यम है जिसमें किसी प्रकार की डाक नहीं है। किसी को सन्देश भेजने के लिए, कोई पत्र लिखने की विशेषत: आवश्यकता नहीं होती किन्तु इसका महत्त्व उतना ही महत्त्वपूर्ण है। एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क द्वारा उससे जुड़े विभिन्न प्रकार के लिखित संदेशों का आदान प्रदान किया जाता है।
(4) टेलीकॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग - मल्टीमीडिया के क्षेत्र में टेलीकॉन्फ्रेंसिंग एक ऐसी आधुनिक प्रणाली है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति दूरस्थ होने के बावजूद अपने किसी विशेष विषय से सम्बन्धित प्रश्नों-परिस्थितियों में भाग ले सकते हैं तथा अपनी बात उपस्थित व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप में तथा सामूहिक रूप से कह सकते हैं। टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शिक्षक भी शिक्षण का कार्य कर सकता है। किसी विशेष विषय में व्याख्यान देने तथा प्रश्नोत्तर करने के लिए इसका उपयोग होना चाहिए।
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