बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 12 - संसाधन : प्राथमिक एवं द्वितीयक
(प्राकृतिक वनस्पति और जीव, एड्स : एटलस,
मानचित्र, ग्लोब, चार्ट, मॉडल, ग्राफ, इंटरैक्टिव
बोर्ड, मल्टीमीडिया, शैक्षिक, गेमिंग सॉफ्टवेयर)
[Resources: Primary and Secondary
(Natural flora and fauna, Aids : Atlas, Maps, Globe, Charts, Models, Graphs
Interactive Boards, Multi-Media, Educational Gaming Software)]
प्रश्न- श्रव्य-दृश्य सहायक सामग्री के अर्थ का वर्णन कीजिए।
अथवा
सामाजिक विज्ञान शिक्षण की सामग्री पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
प्राचीन काल में शिक्षण कार्य स्वयं शिक्षकों द्वारा मौखिक रूप से किया जाता था। उनके किसी भी अन्य साधन से इस कार्य में सहायता नहीं मिलती थी तथा बालक निश्चित रूप से श्रोता बना रहता था। वर्तमान शिक्षा बालक-केन्द्रित है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बालक के सर्वांगीण विकास करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बालक की योग्यताएं, रुचि, अभिरुचि, क्षमता, आवश्यकताएं आदि को आधार बनाया जाता है। इसलिए शिक्षण क्रिया को सरल, रोचक तथा प्रभावशाली बनाने के लिए यह जरूरी है कि नवीन सामग्री की इस तरह से प्रस्तुति की जाए कि उसका सम्बन्ध विद्यार्थियों के अनुभव से जुड़ा हो। सही मान्यताओं में, उस शिक्षण-साधन को अत्यन्त उपयोगी तथा प्रभावशाली माना जाता है जो विद्यार्थियों को सीखने के अच्छे अनुभव प्रदान करे। इसका कारण यह है कि विद्यार्थी जितना अनुभव से सीखते हैं, उतना अन्य साधनों से नहीं सीखते। यही कारण है कि शिक्षा में अनुभव प्राप्त करने को सबसे शक्तिशाली साधन कहा गया है। महात्मा गांधी ने शिक्षण को अनुभव के कार्य के रूप में बताया है। इसलिए शिक्षाशास्त्री इस बात पर बल देते रहे हैं कि शिक्षण-प्रक्रिया में ऐसे साधनों का प्रयोग किया जाए, जिससे अधिकाधिक विद्यार्थियों को अपनी ज्ञानेन्द्रियों का प्रयोग करने के ज्यादा-से-ज्यादा अवसर प्राप्त हो सकें।
श्रव्य-दृश्य सहायक सामग्री वह सामग्री है जिसके द्वारा शिक्षक विद्यार्थियों की ज्ञानेन्द्रियों के उचित प्रयोग में रखें, को अधिक स्पष्ट कर सकता है तथा विभिन्न धारणाओं को सजीव रूप से स्थिर कर सकता है तथा ज्ञान को उचित रूप से व्याख्यायित कर सकता है।
दृश्य-श्रव्य सामग्री से संबंधित अनेक परिभाषाएं निम्नलिखित हैं :
डेले के अनुसार,“श्रव्य-दृश्य सामग्री वह है, जो कक्षा में या अन्य शिक्षण परिस्थितियों में लिखित या बोली गई पाठ्य-सामग्री के समझने में सहायता करती है।”
शिक्षा परिषदा कोश के अनुसार, शिक्षण की क्रिया में सहायक देखने और सुनने के साधन जैसे- चार्ट, मॉडल, टेपरिकॉर्डर, चलचित्र आदि को दृश्य-श्रव्य साधन कहते हैं।
निम्नलिखित वैज्ञानिक परिसीमाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि दृश्य-श्रव्य साधन न केवल अधिगम प्रक्रिया को ही प्रभावित करते हैं, अपितु विद्यार्थियों की श्रवण तथा दृष्टि-इन्द्रियों को भी प्रभावित करते हैं। दृश्य-श्रव्य साधन हमें प्रेरित करते हैं, क्योंकि वे देखने तथा सुनने की दोनों इन्द्रियों को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन्हें दृश्य-श्रव्य साधन कहा जाता है।
दृश्य-श्रव्य सामग्री का वैज्ञानिक विस्तृत रूप से तीन प्रकार के आधारों पर किया जा सकता है। जो इस प्रकार है -
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पारंपरिक वर्गीकरण
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प्रयोगित एवं अप्रमाणित सहायक साधन
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तकनीकी के आधार पर
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पारंपरिक वर्गीकरण - पारंपरिक आधार पर शिक्षण साधनों को चार उपवर्गों में बाँटा जा सकता है। ये शिक्षण साधन निम्नलिखित हैं -
(A) श्रवण सामग्री : इस श्रेणी में वे साधन लिए जाते हैं जो श्रवण इन्द्रियों को प्रभावित करते हैं तथा इस प्रकार सुनकर सीखने में सहायता करते हैं। ये सहायक साधन हैं -
(i) रेडियो,
(ii) टेपरिकॉर्ड,
(iii) ग्रामोफोन,
(iv) लाउडफोन या फोनोग्राफ,
(v) डिक्टाफोन,
(vi) लाउडस्पीकर
(B) दृश्य सामग्री : ये साधन दृष्टि-इन्द्रियों को प्रभावित करते हैं। ये सहायक साधन हैं -
(i) मॉडल
(ii) चार्ट
(iii) चित्र
(iv) मानचित्र
(v) ग्राफ
(vi) बुलेटिन बोर्ड
(vii) चॉक बोर्ड
(viii) मैग्नेटिक बोर्ड
(ix) फ्लैशन बोर्ड
(x) संग्रहालय
(xi) पोस्टर
(xii) फोटो
(xiii) ग्लोब
(xiv) नमूने
(xv) पाठ्य-पुस्तक उदाहरण
(C) दृश्य-श्रव्य सामग्री : इस श्रेणी में वे साधन आते हैं जो श्रवण-इन्द्रियों तथा दृष्टि-इन्द्रियों दोनों को प्रभावित करते हैं।
(i) टेलीविजन
(ii) वीडियों
(iii) सिनेमा
(iv) कम्प्यूटर
(D) क्रियात्मक साधन : इस श्रेणी में निम्नलिखित वे साधन आते हैं जो क्रिया को बढ़ावा देते हैं।
(i) क्षेत्रीय यात्रा एवं भ्रमण
(ii) नमूने
(iii) वस्तुएँ एवं मॉडल
(iv) संग्रह
(v) अभिनय
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प्रयोगित एवं अप्रमाणित सहायक साधन
श्रव्य-दृश्य सहायक सामग्री का व्यापक वर्गीकरण प्रक्षेपित एवं अप्रक्षेपित सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
(A) प्रक्षेपित सहायक सामग्री - प्रक्षेपित सहायक सामग्री को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :
(i) दृष्टि प्रक्षेपित सहायक सामग्री - स्लाइडें, फिल्म-फ्रेम्स, ओवरहेड प्रोजेक्टर, चित्र-विस्तारक
(ii) ध्वनि-प्रक्षेपित सहायक सामग्री - शैक्षिक फिल्में।
(B) अप्रक्षेपित सहायक सामग्री :
(i) ग्राफिक सहायक सामग्री - चित्र, चार्ट, मानचित्र, ग्राफ, एटलस, पुतलियाँ, कॉमिक्स, फोटोग्राफ, फ्लैश कार्ड, पोस्टर आदि।
(ii) प्रदर्शन सहायक सामग्री : श्यामपट्ट, फ्लैनेल बोर्ड, चुंबकीय बोर्ड आदि।
(iii) त्रि-आयामी सहायक साधन : आरख, मॉडल, मॉक-अप, ग्लोब, वास्तविक वस्तुएँ, नमूने आदि।
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तकनीकी के आधार पर : तकनीकी दृष्टिकोण से श्रव्य-दृश्य सहायक साधनों को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है :
(A) हार्डवेयर - हार्डवेयर सहायक साधन उन विद्युत-यांत्रिक उपकरणों के प्रयोग पर आधारित हैं, जो अनुबोधनात्मक प्रयोगों के लिए इंजीनियरिंग के नियमों पर विकसित होते हैं। हार्डवेयर उपकरण शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाते हैं ताकि अध्यापक कम ऊर्जा से ज्यादा-से-ज्यादा विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर सके। शैक्षिक हार्डवेयर को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है -
(i) सरल हार्डवेयर : साधारण अर्थात् स्लाइड-प्रोजेक्टर, चित्र-विस्तारक, फिल्म-पट्टी प्रोजेक्टर स्लाइडरूप फिल्म पट्टी प्रोजेक्टर सिरियस प्रोजेक्टर अथवा ओवरहेड प्रोजेक्टर।
(ii) हार्डवेयर : रेडियो, टेलीविजन, टेप रिकॉर्डर, शैक्षिक फिल्में, कम्प्यूटर, शिक्षण मशीनें।
(B) सॉफ्टवेयर - सॉफ्टवेयर विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करने के लिए अध्यापक उनके व्यवहार में संशोधन के लिए मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का प्रयोग करता है। शैक्षिक सॉफ्टवेयर में सम्मिलित हैं - चित्र, चार्ट, मानचित्र, ग्राफ, आरख, एटलस, पोस्टर, कार्ड्स, पोस्टर, त्रि-आयामी उपकरण, साधारण पुस्तक रूपियाँ, माड्यूल, व्यक्तिगत अधिगम पुंज, चॉक-पटर, समाचार-पत्र, फ्लैनेल पटर, स्लाइडें, फिल्म-फ्रेम, समाचार-पत्र, पुस्तकें, फ्लैश कार्ड, इत्यादि।
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