बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पाठ्य-पुस्तक के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
शिक्षा में पाठ्य-पुस्तक का क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
पाठ्य-पुस्तक का महत्व
(Importance of Text-Book)
पाठ्य-पुस्तक के महत्व को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है -
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पाठ्य-पुस्तक पाठ्यक्रमानुसार लिखी जाती हैं। अतः ये शिक्षकों को शिक्षण योजना तैयार करने में सहायक होती हैं।
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पाठ्य-पुस्तकों में अनेक नवीन एवं महत्वपूर्ण सूचनाओं का संग्रह होता है जिससे छात्र नवीन ज्ञान प्राप्त करते हैं।
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पाठ्य-पुस्तकें छात्र एवं शिक्षक दोनों का पथ-प्रदर्शन करती हैं।
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पाठ्य-पुस्तकें छात्र को पाठ को दोहराने एवं गृह-कार्य कराने में सहायक होती हैं।
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सामाजिक शिक्षण में पाठ्य-पुस्तकें अत्यन्त लाभदायक हैं, क्योंकि इससे कक्षा के सभी छात्र एक साथ अल्प समय में अधिक ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।
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पाठ्य-पुस्तकों में विषय-वस्तु से सम्बन्धित विभिन्न अभ्यास प्रश्न दिये होते हैं जिन्हें हल करके छात्र स्वाध्याय द्वारा अपने ज्ञान की वृद्धि करते हैं।
पाठ्य-पुस्तक समिति ने पाठ्य-पुस्तकों के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा है, "जिस प्रकार प्रिंस ऑफ डेनमार्क के अभाव में हेमलेट की कल्पना करना कठिन है, उसी प्रकार पाठ्य-पुस्तकों के अभाव में आधुनिक शिक्षा-पद्धति की कल्पना करना कठिन है।"
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