बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कथन विधि से आप क्या समझते हैं ? इस विधि के उद्देश्यों की व्याख्या करते हुए इसके गुण-दोषों की व्याख्या कीजिए ?
उत्तर-
इस विधि का प्रयोग छोटी कक्षाओं तक ही सीमित है। "कहानी विधि" प्राथमिक स्तर के बालकों के शिक्षण हेतु सर्वाधिक उपयोगी है। उच्च कक्षाओं में इस विधि का प्रयोग तभी सम्भव है जब शिक्षक अपने विषय का अच्छा जानकार हो। यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है क्योंकि इसके माध्यम से अज्ञातों में बहुत सी नैतिक प्रवृत्तियों का विकास हो जाता है। इस विधि का प्रयोग शिक्षक विभिन्न घटनाओं को बताने के लिए करता है।
बाल्सी वैक्ट के अनुसार "कहानी एक लघु वर्णनात्मक रचना है जिसमें वास्तविक जीवन को कलात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। कहानी का प्रमुख उद्देश्य मनोरंजन करना है।"
कहानी कथन विधि के उद्देश्य - यह निम्नलिखित हैं -
(1) छात्रों में सृजनात्मक क्षमता का विकास करना।
(2) छात्रों में नैतिक मूल्यों का विकास करना।
(3) छात्रों में कल्पना एवं स्मरण शक्ति का विकास करना।
(4) छात्रों को मानव जीवन के विविध पक्षों, पारिवारिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सामाजिक पक्षों की जानकारी देना।
(5) छात्रों के शब्द भण्डार में वृद्धि करना।
(6) छात्रों में मौखिक अभिव्यक्ति को विकसित करना।
(7) छात्रों में कम्बलनता एवं चिन्तन शक्ति का विकास करना।
(8) छात्रों में सादृश्य एवं सन्नुपस्थितियों को विकसित करना।
(9) छात्रों में ध्यानपूर्वक सुनने व सुन्दर भाव ग्रहण करने की क्षमता करना।
(10) छात्रों को पशु-पक्षियों एवं मानव-समाज के सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराना।
कहानी कथन के गुण - कहानी कथन के गुण निम्नलिखित हैं -
(1) इस पद्धति में बालक बहुत रुचि के साथ पढ़ते हैं क्योंकि बालकों की रुचि कहानी सुनने में अधिक होती है।
(2) कथावाचन प्रविधि द्वारा कम आयु के बालक भी आसानी से विषय-वस्तु को समझ लेते हैं।
(3) कथावाचन प्रविधि द्वारा विद्यार्थियों में निर्णय व कल्पना शक्ति का विकास होता है।
(4) इस प्रविधि के माध्यम से गम्भीर व असंख्य तथ्यों को भी प्रभावी माध्यम द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं।
(5) इस प्रविधि के द्वारा बालकों में अनेक चारित्रिक गुणों का विकास होता है।
(6) कथावाचन प्रविधि द्वारा बालकों का मनोवैज्ञानिक विकास होता है।
कहानी कथन विधि के दोष - कहानी कथन विधि के दोष निम्नलिखित हैं -
(1) यह विधि उच्च कक्षाओं के लिए उपयोगी नहीं है।
(2) इस विधि के माध्यम से विषय के सभी प्रकारों का शिक्षण नहीं किया जा सकता है।
(3) कथावाचन विधि का प्रयोग कुशल शिक्षक ही कर सकता है।
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