बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण के क्या-क्या सोपान हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर -
सूक्ष्म शिक्षण के सोपान
(Steps of Micro-Teaching)
सूक्ष्म शिक्षण के निम्नलिखित सोपान होते हैं-
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छात्राध्यापक एक छोटे-से पाठ को 5 से 10 छात्रों या अपने सहयोगी छात्रों को लगभग 5 से 10 मिनट तक पढ़ाता है। यह सोपान सूक्ष्म शिक्षण का ‘शिक्षण’ (Teaching) सोपान कहलाता है।
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पुट-पोषण के तुरन्त पश्चात् छात्राध्यापक सुझाए गए विचारों के आधार पर पाठ को पुनः आयोजित करता है। सूक्ष्म शिक्षण का यह सोपान ‘पुनर्योजना सोपान’ (Replan Session) कहलाता है।
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छात्राध्यापक एक शिक्षण कौशल की योजना तैयार करता है। उदाहरण के लिए: वर्णन करना, प्रश्नों करना या प्रश्न पूछना आदि में से किसी एक जिसका कि छात्राध्यापक को विकास करना हो, ज्ञान उसके प्रशिक्षण के द्वारा कराया जाता है और उस पर आधारित पाठ का विकास किया जाता है।
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पाठ के पुनर्योजन के पश्चात् पुन:शिक्षण पाठ को उसी के समान स्तर के दूसरे समूह के पुनशिक्षण (Reteaching) किया जाता है। सूक्ष्म शिक्षण का यह सोपान ‘पुनशिक्षण सोपान’ (Re-teaching Session) कहलाता है।
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पुनशिक्षण पाठ को पुनः परीक्षण किया जाता है और फिर उसके आधार पर छात्राध्यापक के सम्पूर्ण पाठ से सम्बन्धित विचार-विमर्श किया जाता है तथा उसके आधार पर पुट-पोषण (Feedback) प्रदान किया जाता है। इस पुट-पोषण के आधार पर छात्राध्यापक पाठ को फिर नियोजित करता है।
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उपर्युक्त पढ़ाए गए पाठ को परीक्षण या परीक्षणों के एक समूह के द्वारा एक विशेष रूप से विकसित मूल्यांकन प्रोफार्मा (Evaluation Proforma) की सहायता से आलोचना की जाती है या सम्पूर्ण पाठ को ऑडियो टेप या वीडियो टेप पर पाठ समाप्ति के पश्चात् मूल्यांकन के लिए रिकॉर्ड किया जाता है तथा शिक्षण की समाप्ति के पश्चात् छात्राध्यापक के साथ परीक्षण मूल्यांकन आधारित पाठ को रिकॉर्ड की सहायता से पाठ पर विचार-विमर्श (Discuss) करता है। इस प्रकार परीक्षणकर्ता द्वारा छात्राध्यापक को पुनः पुट-पोषण (Feedback) प्रदान कर दिया जाता है। यह सोपान ‘पुट-पोषण सोपान’ कहलाता है।
इस प्रकार सूक्ष्म शिक्षण के सोपान एक-दूसरे से द्विनिष्ठ रूप से सम्बन्धित होते हैं तथा सूक्ष्म शिक्षण के एक पूर्ण चक्र (Whole Cycle) को प्रदर्शित करते हैं। यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक कि छात्राध्यापक नियत कौशल के विकास में सफलता प्राप्त नहीं कर लेता है।
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