बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- इकाई योजना से आप क्या समझते हैं? इकाई पाठ योजना के प्रमुख सोपानों का वर्णन करते हुए इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
इकाई योजना क्या है? इसके प्रमुख चरणों का उल्लेख कीजिए तथा इसके गुण व दोष भी बताइए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
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इकाई योजना का अर्थ बताइए।
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इकाई योजना को परिभाषित कीजिए।
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इकाई योजना के प्रमुख चरण कौन-से हैं? स्पष्ट कीजिए।
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एक अच्छी इकाई योजना की विशेषताओं को लिखिए।
- इकाई योजना के गुण व दोष लिखिए।
उत्तर -
इकाई योजना का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Unit Plan)
इकाई योजना का तात्पर्य कुछ नियमों तथा सिद्धान्तों के विकास तथा समस्याओं के हल करने में उनके प्रयोग से है। इस योजना में एक व्यापक इकाई को पुनः छोटी-छोटी इकाइयों में विभक्त किया जाता है। मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त के अनुसार समान प्रकृति की विषय-वस्तु को ही एक क्रम से पढ़ाने से छात्रों के प्रयत्न एवं संकेतनों का ज्ञान सरलता से होता है। मानव-मस्तिष्क की एक विशेषता यह होती है कि वह समान विशेषताओं वाले ज्ञान के पारस्परिक सम्बन्धों एवं तथ्यों को सहज रूप से प्राप्त करना चाहता है। विज्ञान जैसे विषयों के लिये इकाई योजना का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि विज्ञान संग्रहण, प्रदर्शन, परीक्षण, संकेतात्मक ज्ञान का विषय है। इसे अनुभवों से सम्बद्ध किये बिना तथा लिखित रूप में रखे बिना प्रभावशाली ढंग से नहीं पढ़ाया जा सकता। इकाई पाठ-योजना बनाते समय अध्यापक को शिक्षण-बिन्दुओं (Teaching points) का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए, जैसे - किस शिक्षण बिन्दु को क्या पढ़ाना है, किसे कैसे पढ़ाना है, किसे कितना पढ़ाना है, मौखिक व्यावहारिक परिवर्तन क्या हैं और उन्हें प्राप्त करने में हम सफल हुए हैं अथवा नहीं इत्यादि।
प्रमुख शिक्षाविदों ने इकाई को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है -
प्रेस्टन महोदय (Preston) के अनुसार, “एक इकाई सम्बन्धित विषय-वस्तु का विद्यार्थी द्वारा एक निश्चित समयावधि में आत्मसात् किया जाने वाला भाग है।”
हैना, हैगमैन तथा पॉटर (Henna, Hageman and Potter) के अनुसार, “इकाई को उद्देश्यपूर्ण सीखने के अनुभव के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण सामाजिक ज्ञान की ओर संकेत करती है जिसे सीखने वाले के व्यवहार में सुधार लाती है तथा उसे जीवन की परिस्थितियों में प्रभावशाली ढंग से सामायोजन करने के योग्य बनाती है।”
जारोलिमेक (Jarolimek) के अनुसार, “इकाई, शिक्षण के उद्देश्य के लिये वांछित सामग्री को इस प्रकार संगठित करने की प्रक्रिया है जिससे महत्वपूूर्ण विषय-वस्तु अर्थात् जिसमें छात्र शारीरिक तथा मानसिक क्रियाओं के माध्यम से सीखने की क्रियाओं में संलग्न रहते हैं, का प्रयोग करता है तथा उनके व्यवहार में उस सीमा तक सुधार लाती है जिससे वह नवीन समस्याओं एवं परिस्थितियों का अधिक कुशलता से सामना कर सकें।”
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि इकाई एकीकृत सीखने के अनुभव है। दूसरे शब्दों में, इकाई सीखने के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र पर आधारित शिक्षण की एक योजना है।
इकाई पाठ-योजना के सोपान/चरण
(Steps of Unit Lesson Plan)
एक इकाई पाठ-योजना के मुख्य सोपान/चरण निम्नलिखित हैं -
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तैयारी (Preparation) - इकाई पाठ-योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों का ध्यान पाठ की ओर केन्द्रित करना होता है। विद्यार्थियों के पूर्वज्ञान की परीक्षा भी इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ली जाती है जिससे कि प्रस्तुत नवीन ज्ञान को पूर्वज्ञान के साथ सरलीकृत जोड़ प्राप्त सके और साथ ही साथ विद्यार्थियों की रुचि सम्पूर्ण शिक्षण प्रक्रिया के दौरान बराबर बनी रही सके।
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पूर्वज्ञान परीक्षा (Previous Knowledge Test) - किसी भी नये प्रकरण को प्रारम्भ करने का आधार बालक के पूर्व-अनुभव होने चाहिए। इसके अभाव में प्रकरण का विकास अव्यवस्थित हो जायेगा। अध्यापक अपनी पाठ योजना तब तक ठीक प्रकार से तैयार नहीं कर सकता जब तक उसे इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसके छात्रों को प्रारम्भ किये जाने वाले प्रकरण का पूर्वज्ञान कितना है। अतः नवीन ज्ञान के लिये पूर्वज्ञान का आधार बनाना ही पड़ेगा।
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प्रस्तुतिकरण (Presentation) - विद्यार्थियों को प्रेरित करने और उनका ध्यान पढ़ाये जाने वाले प्रकरण की ओर आकर्षित करने के लिए अध्यापक को अपने भौतिक एवं बौद्धिक दृष्टिकोण से अनेक तरीकों को अपनाना पड़ीगा। सम्पूर्ण शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षक विद्यार्थियों की रुचि बनाये रखने हेतु कई तरीकों का प्रयोग करता है। अर्थात् अध्यापक उनकी जिज्ञासा पाठ की ओर बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। विषय के प्रस्तुतिकरण में अध्यापक को अत्यन्त सावधानी एवं धैर्य से काम लेना चाहिए।
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संक्षेपण (Summarization) - पाठ के समापन हेतु पर विषय-वस्तु का सार प्रस्तुत किया जाता है। विषय-वस्तु की विशेष बातें (Main points) को अत्यन्त आकर्षक एवं प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। लेखनात्मक सार को संक्षिप्तिकरण भी किया जा सकता है।
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अभ्यास प्रश्न (Drill or Recapitulation) - विज्ञान जैसे विषय के लिये अभ्यास कार्य का बहुत महत्व है। अध्यापक के लिये यह सम्भव नहीं होता कि वह बहुत से प्रश्नों का अभ्यास कक्षा में एक साथ ही करा दे। इस दृष्टि से पाठ-योजना को ठीक प्रकार से समझने के लिये विद्यार्थियों को घर पर करने के लिये पुनरुक्ति प्रश्न दिये जाने चाहिए।
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मूल्यांकन (Evaluation) - शिक्षण प्रक्रिया में मूल्यांकन को एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। मूल्यांकन प्रक्रिया द्वारा अध्यापक को छात्रों के बाह्य व्यवहारिक परिवर्तन का बोध होता है। अध्यापक को यह बात भी जानकारी हो जाती है कि उसके द्वारा प्रयुक्त शिक्षण-विधियों में क्या कमी रह गई है और इसके सुधार हेतु कौन-से प्रयास करने हैं। साथ ही, अधिगमार्थी भी अपने व्यवहारों की प्रगति से अवगत हो जाते हैं।
एक अच्छी इकाई योजना के गुण/विशेषताएँ
(Merits/Characteristics of a Good Unit Plan)
एक अच्छी इकाई योजना के प्रमुख गुण/विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -
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इकाई योजना में ली गई विषय-वस्तु का इस प्रकार महत्वपूर्ण होना चाहिए कि छात्रों को अधिगम में कठिनाई न हो।
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उद्देश्यों स्पष्ट तथा जीवंत ढंग से परिभाषित होने चाहिए।
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प्रत्येक इकाई को समानाधिक उप-इकाइयों में बाँटना चाहिए।
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इकाई योजना का संगठन विशिष्ट (Unique) होना चाहिए।
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अच्छी इकाई योजना का सहसम्बन्ध जीवन तथा पाठ्यक्रम के अन्य विषयों से होना है।
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अच्छी इकाई योजना का निर्माण छात्रों की वैयक्तिक विभिन्नताओं को आधार किया जाता है।
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इकाई योजना में फील्ड-ट्रिप, पथदर्शन, सस्त्ता यात्राओं आदि का भी समावेश होता है।
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एक अच्छी इकाई योजना के अन्तर्गत तथा विभिन्न प्रकार की योजनाओं को बनाने तथा उनका क्रियान्वयन करने में स्वतन्त्रता होती है।
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इकाई योजना के अन्तर्गत शिक्षण अनुभवों के लिये उचित प्रकार की स्थितियों (Situations) का सृजन किया जाता है। इनमें एकरूपता नहीं होती है।
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एक अच्छी इकाई योजना में नवीन ज्ञान के लिये छात्रों को हर स्तर में प्रोत्साहन और जिज्ञासा को अभिव्यक्त करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जाते हैं।
इकाई योजना के दोष/सीमाएँ
(Demerits/Limitations of Unit Plan)
इकाई योजना के निम्नलिखित दोष/सीमाएँ हैं -
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इकाई योजना में शिक्षण-कार्य की निश्चितता एवं समय-सीमा निर्धारित न होने के कारण शिक्षण से सम्बन्ध अनावश्यक होने की सम्भावना बनी रहती है।
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इकाई योजना में विभिन्न क्रियाओं को स्थान दिये जाने से सामान्य विद्यालयों में उसकी व्यवस्था करना सम्भव नहीं है।
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इकाई योजना शिक्षकों के लिये मात्र पथ-प्रदर्शक है, यह प्रभावशाली शिक्षण की पूर्ण तथा स्वतः गारन्टी प्रदान करने वाली योजना नहीं है।
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इकाई योजना में अन्तर्गत पूर्वज्ञान को छोटे-छोटे खण्डों में विभाजित कर दिया जाता है जिससे अध्यापक को शिक्षण प्रक्रिया में कठिनाई अनुभव होती है।
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इकाई योजना के अन्तर्गत शिक्षण कार्य में समय अधिक लगता है, साथ ही बार-बार पुनरुक्ति के फलस्वरूप कक्षा का वातावरण नीरस हो जाता है।
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