बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण से आप क्या समझते हैं?
अथवा
सूक्ष्म शिक्षण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर -
सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Micro-Teaching)
सूक्ष्म शिक्षण को पुट-पोषण द्वारा व्यवहार परिवर्तन के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण प्रविधि माना जाता है। सन् 1961 ई० में स्टैनफोर्ड स्टेट्स यूनिवर्सिटी के शोध-छात्र कैथ एचेसन (Kaith Acheson) ने डॉ० रॉबर्ट बुश (Robert Bush) और डॉ० ड्वाइट एलन (Dwight W. Allen) के निर्देशन में कार्य करते हुए वीडियो टेप-रिकॉर्ड के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। उसने वीडियो टेप-रिकॉर्ड का उपयोग अध्यापकों को तत्काल पुट-पोषण (Immediate Feedback) देने के लिए किया। इसके पश्चात् हैरी गैरीसन (Hary Garrison) ने भी वीडियो रिकॉर्ड को अनुकृत शिक्षण एवं मानव कक्षा शिक्षण में उपयोगी पाया। कैलिन बैक (Kallen Back) ने भी सूक्ष्म शिक्षण को समय की दृष्टि से प्राचीन विधि की तुलना में प्रभावशाली पाया।
प्रो० नरेंद्र शर्मा के अनुसार - “सूक्ष्म शिक्षण वह सूक्ष्मपद विधि स्थितियाँ हैं जहाँ वास्तविक कक्षा शिक्षण की जटिल स्थितियाँ पर्याप्त कम हो जाती हैं। इसके साथ ही शिक्षण अभ्यास की तुलना में पुट-पोषण की मात्रा बढ़ जाती है।”
अर्विन के अनुसार - “सूक्ष्म शिक्षण वास्तविक कक्षा शिक्षण की अपेक्षाकृत एक अनुकृत शिक्षण है।”
बैनार्ड के अनुसार - “सूक्ष्म शिक्षण वह पर्यावरण शिक्षण परिस्थितियाँ हैं जिनका आयोजन पुराने कौशलों में सुधार एवं नये कौशलों के विकास के लिए किया जाता है।”
डी एलन के अनुसार - “सूक्ष्म शिक्षण एक शिक्षण का लघु रूप होता है जिसमें कक्षा का आकार व समय भी कम होता है।”
ऐल्लन तथा रायन के अनुसार - “सूक्ष्म शिक्षण में निम्नलिखित बातों का समावेश होता है -
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सूक्ष्म शिक्षण एक वास्तविक शिक्षण है।
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सूक्ष्म शिक्षण के द्वारा प्रशिक्षण के विशिष्ट कार्यों को सम्पन्न करने पर बल दिया जाता है।
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यह शिक्षक प्रशिक्षण की एक प्रविधि है।
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इसमें छात्र को पुट-पोषण प्रदान किया जाता है।”
इस प्रकार सूक्ष्म शिक्षण एक ऐसी सूक्ष्माधारित शिक्षण परिस्थिति है जिसमें शिक्षक एक छोटा-सा शिक्षण बिन्दु (Teaching Point) लगभग 5 से 10 छात्रों के समूह के एक छोटे-से 5-10 मिनट के कालांश में पढ़ाता है। इस प्रकार की परिस्थिति एक अनुभवी और बिना अनुभवी वाले शिक्षक को नवीन शिक्षण कौशल के विकास एवं सुधार में काफी सहायता प्रदान करता है।
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