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बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- ग्रेडिंग व्यवस्था प्रणाली से आप क्या समझते हैं? ग्रेड मानकों का विकास किस प्रकार किया जाता है? ग्रेड मानकों के लाभ तथा सीमाओं का वर्णन कीजिए !
उत्तर -
ग्रेडिंग व्यवस्था प्रणाली - ग्रेडिंग व्यवस्था प्रणाली के अन्तर्गत छात्र विशेष ग्रेड अथवा वर्ग में आसानी से कहाँ परिस्थितिक किया जाये। जिस प्रकार से परीक्षाओं के अंकद ग्रेड किए जाते हैं तथा प्रत्येक ग्रेड अथवा वर्ग के प्रतिशतांक समूह को दिया जाता है। इसके उपरान्त परीक्षा का प्रत्येक ग्रेड की औसत किया जाता है और अंकित किया जाता है। ग्रेड मानक ग्रेड स्कोर को दिखाता है। जिस पर प्रतिशतांक रूप में कार्य औसत रूप में होता है। ये मानक ग्रेड शैक्षिक आयु EA (Educational Age) भी कहते हैं, और मानसिक आयु (Mental Age) MA होती है। सम्प्राप्ति लक्ष्य (Achievement Quotient or AQ) प्रमाणीकृत समूह की औसत सम्प्राप्ति पर आधारित है।
AQ निकालने का सूत्र निम्नलिखित है -
EQ=(EA (Educational Age)CA (Chronological Age))×100\text{EQ} = \left( \frac{\text{EA (Educational Age)}}{\text{CA (Chronological Age)}} \right) \times 100
परन्तु शैक्षिक मापन में इसका उपयोग बहुत कम होता है।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के विद्यालयों में ग्रेड मानक का उपयोग किया जाता है। शैक्षिक विषयों के पाठ्यक्रमों को ग्रेडों में विभाजित कर दिया जाता है। प्रत्येक विषय में प्रत्येक ग्रेड के लिए मानक सम्प्राप्ति परीक्षण बना लिए गए हैं। वहीं शिक्षा की व्यवस्था खुली व्यवस्था है। जब कोई विद्यार्थी यह अनुभव करता है कि उसने किसी विषय विशेष में मानकानुसार अपेक्षित योग्यता हासिल कर ली है तो वह उस विषय में ग्रेड के निर्धारित परीक्षण में बैठ सकता है। यदि वह परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है तो उसे अपना ग्रेड दे दिया जाता है। विभिन्न विषयों में इसी प्रकार छात्र प्रभावी करने के लिए ग्रेड दिए जाते हैं।
ग्रेड मानकों का विकास - ग्रेड मानकों का विकास आयु मानकों के अनुसार किया जाता है। किसी भी विद्यार्थी की शैक्षिक आयु उसकी निष्पादन पर आधारित होती है। यदि किसी विद्यार्थी की आयु 8 वर्ष है वह 10वीं स्तर के कार्य की योग्यताएं प्रदर्शित करता है तो उसकी शैक्षिक लक्ष्य (EQ) निम्नलिखित प्रकार से निर्धारित की जाती है –
EQ=(EACA)×100
EA = 10 वर्ष, CA = 8 वर्ष
=125 ग्रेड मानक= 125 \text{ ग्रेड मानक}
इस ग्रेड मानक से स्पष्ट है कि विद्यार्थी का निष्पादन स्तर औसत से ऊँचा है।
ग्रेड मानकों के लाभ - ग्रेड मानकों के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं -
(1) इनका प्रयोग शैक्षिक संस्थाओं में व्यापक रूप में किया जाता है।
(2) ग्रेड मानकों को समझना तथा इनका विश्लेषण करना आसान होता है।
(3) मानसिक आयु (A) वर्ग के साथ-साथ शैक्षिक योग्यता का भी विकास होता है।
(4) शैक्षिक योग्यता को सही-ग़लत माप के लिए ग्रेड मानक निर्धारण महत्वपूर्ण होते हैं।
(5) ग्रेड मानकों से उत्कृष्ट शैक्षिक व्यवस्था का विकास सम्भव होता है।
ग्रेड मानकों की सीमाएँ - ग्रेड मानकों के अनेकानेक लाभ के साथ ही कुछ कठिनाइयाँ या सीमाएँ भी होती हैं -
(1) ग्रेड मानक की व्यवस्था शिक्षा के निम्न स्तर पर ही उपयोगी है उच्च स्तर पर नहीं।
(2) विभिन्न अलग-अलग विषयों से एक ही विद्यार्थी के ग्रेड मानक तुलनीय नहीं होते हैं।
(3) ग्रेड मानकों में यह मान लिया जाता है कि कक्षा के ग्रेड के विद्यार्थियों को समान शैक्षिक अनुभव होते हैं। यह मान्यता निम्न स्तर के लिए सही हो सकती है किन्तु उच्च स्तर की शिक्षा पर लागू नहीं होती।
(4) जिन विषयों में प्रारम्भिक कक्षाओं में प्रगति तेज़ी से होती है उन्हीं विषयों में उच्च कक्षाओं में प्रगति क्रमशः मंद होती जाती है। ऐसे में ग्रेड मानकों का प्रयोग उपयुक्त नहीं होता।
(5) ग्रेड मानकों का विश्लेषण स्पष्ट नहीं होता है क्योंकि यह किसी विषय में विद्यार्थी की स्थिति दिखाता है उसका शैक्षिक स्तर स्पष्ट नहीं करता है।
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