बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शिक्षण प्रविधियों की विवरण कौशल विधि की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
विवरण कथा कथन की कला है। यह एक बौद्धिक प्रक्रिया होती है। वाणिज्य शिक्षण के लिए विवरण कौशल का ज्ञान होना जरूरी होता है, क्योंकि इसकी मदद से वाणिज्य शिक्षक वाणिज्य से संबंधित नियमों तथ्यों व विचारों को सार्थक रूप में प्रस्तुत कर सकता है। पैटेंट के शब्दों में, "विवरण अपने आप में एक कला होती है जिसका उद्देश्य वाणी के द्वारा छात्रों के सामने रोचक व विधिवत् तरीकों से घटनाओं को इस प्रकार प्रस्तुत करता है ताकि छात्रों को लगे कि वे खुद उस घटना में हिस्सा ले रहे हैं।"
वाणिज्य शिक्षक सरकार की नई आर्थिक नीति का विद्यार्थियों को विवरण दे सकते हैं जिससे विद्यार्थियों को देश की आर्थिक नीति के बारे में जानकारी हो जाये। विवरण कौशल के मुख्य दो भाग होते हैं-
(क) (i) उचित कथनों का चयन - कथनों का विवरण देते समय अर्थशास्त्र शिक्षक को उचित कथनों का ही चुनाव करना चाहिए।
(ii) चुने हुए कथनों के अंतर्संबंध व उनका उपयोग - शिक्षक को चुने हुए कथनों में अंतर्संबंध स्थापित करने हेतु निम्न प्रकार के कथन प्रयोग करने चाहिए -
(ख) (i) अर्थात्मक कथन - इनका प्रयोग सारणी व चित्रों से संबंधित कथनों के प्रयोग हेतु करना चाहिए।
(ii) वर्णनात्मक कथन - तथ्य का वर्णन करने हेतु प्रयोग करना चाहिए।
(iii) तर्कात्मक कथन - किस धारणा व सिद्धान्त में क्या है, क्यों है तथा कैसे है को स्पष्ट करने हेतु करना चाहिए।
विवरण कौशल के घटक
(i) विवरण में प्रयुक्त कठिन शब्दों को स्पष्ट करने हेतु चार्ट, चाकबोर्ड या अन्य दृश्य सामग्री का प्रयोग करना चाहिए।
(ii) छात्रों को विवरण से पहले प्रस्तावना कथन दिये जाने चाहिए ताकि वे मानसिक तौर पर तैयार हो जाएं।
(iii) शिक्षक द्वारा भाषा का प्रयोग सरल व छात्रों के मानसिक स्तर के अनुरूप करना चाहिए।
(iv) शिक्षक अपनी भावना को व्यक्त करने हेतु समय-समय पर वह अपने स्तरों में परिवर्तन कर सकता है।
(v) शिक्षक छात्रों का ध्यान आकर्षित करने हेतु हाथ-पांव, चेहरे व आँखों आदि के संकेतों को तथ्यों को समझाने हेतु प्रयोग कर सकता है।
(vi) शिक्षक द्वारा कथनों के प्रस्तुतीकरण में विचारों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए।
(vii) शिक्षक द्वारा विवरण के अंत में निष्कर्षात्मक कथनों का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे कथन एक से ज्यादा भी हो सकते हैं।
विवरण कौशल का अभ्यास करते समय सावधानियाँ
शिक्षक को विवरण कौशल का अभ्यास करने हेतु निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिये-
(i) विवरण में पुस्तक, नोट्स, पत्रिका आदि का प्रयोग न करके इसे मौखिक रूप में दिया जाना चाहिए।
(ii) विवरण छात्रों की रुचि व मानसिक स्तर के अनुरूप होना चाहिए।
(iii) शिक्षक द्वारा छात्रों की कल्पना-शक्ति का विकास किया जाना चाहिए।
(iv) छात्रों के दिमाग में उसका प्राकृतिक चित्र खींचा जाना चाहिए ताकि छात्रों की भावनाओं को जाग्रत किया जा सके।
(v) विवरण के बीच शिक्षक को अनुचित बातों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(vi) छात्र प्रायः अन्य क्रियाओं में रुचि लेते हैं इसलिए उनसे बीच-बीच में प्रश्न पूछने चाहिए।
(vii) शिक्षक के द्वारा विवरण कौशल में उचित कथनों का प्रयोग करना चाहिए।
(viii) शिक्षक को छोटी-छोटी कक्षाओं में इस विवरण कौशल से बचना चाहिए।
(ix) विवरण की गति उचित होनी चाहिए ताकि यह आसानी से छात्रों को समझ में आ सके।
(x) विवरण में सरल भाषा का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
(xi) शिक्षक द्वारा समस्त विषय सामग्री तार्किक व वैज्ञानिक तरीके से प्रस्तुत की जानी चाहिए।
(xii) विवरण न तो अधिक लंबा होना चाहिए और न ही बहुत छोटा होना चाहिए।
(xiii) घटना का विवरण देते समय शिक्षक द्वारा मानचित्र, ग्राफ, मॉडल व रेखाचित्रों का उचित प्रयोग करना चाहिए।
(xiv) वाणिज्य शिक्षण में विवरण कौशल का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
(xv) विवरण का उद्देश्य शिक्षक व छात्रों के दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि विवरण कौशल का अध्ययन अधिकतर भाषा अध्ययन में किया जाता है।वाणिज्य में इसका प्रयोग अधिक नहीं होना चाहिए क्योंकि वाणिज्य में इसका अधिक प्रयोग वाणिज्य शिक्षण को नीरस बना देता है जिससे विद्यार्थी वाणिज्य शिक्षण से जल्दी ही ऊब जायेंगे।
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