बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वाणिज्य शिक्षा में R. C. A. Edwin ने U.S.A. में वाणिज्य के अध्ययन कराने में 16 सामान्य उद्देश्यों की सूची को चार प्रमुख शीर्षकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
R.C.A. Edwin ने U.S.A. में वाणिज्य के अध्ययन कराने के 16 सामान्य उद्देश्यों की सूची चार प्रमुख शीर्षकों के अन्तर्गत इस प्रकार दी है-
(अ) ज्ञान तथा सूझ-बूझ प्रदान करना-
(i) बालक को उसके प्राकृतिक वातावरण से परिचित कराना ताकि वह अपने आपको अपने भौतिक, सामाजिक तथा आर्थिक वातावरण के अनुसार-ढाल सके।
(ii) आवश्यकताओं के वर्गीकरण का ज्ञान
(iii) पूर्ति, माँग, बेरोजगारी व निर्धनता आदि विभिन्न तथ्यों का ज्ञान प्राप्त कराना।
(iv) परिभाषा के रूप में वाणिज्य की भाषा का ज्ञान देना।
(v) परिवार, समाज, राज्य तथा राष्ट्र संबंधी आर्थिक बातों और समस्याओं को समझना।
(vi) अपने इर्द-गिर्द के संसार का परिचय प्राप्त करके अपनी प्रति व्यक्ति आय के क्षेत्र को विस्तृत करना।
(vii) औद्योगिक विकास के मूल्य को समझना।
(viii) विद्यार्थियों को आदिकाल से लेकर वर्तमान युग तक की आर्थिक प्रगति, संस्कृति तथा परम्पराओं से परिचित कराना।
(ix)बालक को मनुष्य तथा उसके रहन-सहन के ढंग, उसकी महत्त्वपूर्ण सफलताओं, केन्द्रीय समस्याओं से अवगत कराना
(x) बालक की यह समझने में सहायता करना कि संसार के विभिन्न भागों में भौगोलिक परिस्थितियों ने आर्थिक प्रगति को कैसे और कहाँ तक प्रभावित किया है। करना।
(xi) बालकों की व्यावसायिक क्रियाओं तथा संभावनाओं के समझने तथा जानने में सहायता
(ब) वांछनीय अभिवृत्तियों के विकास का कार्य
(i)बालकों को इस योग्य बनाना कि वे सामाजिक व आर्थिक उत्तर-दायित्व निभाते हुए प्रत्येक कार्य में भाग ले सकें।
(ii) आर्थिक सिद्धान्तों तथा मूल्यों के अनुसार-कार्य करने की क्षमता उत्पन्न करना
(iii) व्यक्तिगत उत्तर-दायित्व, विश्व बन्धुत्व तथा अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना, निश्छल बुद्धि, उचित मूल्यांकन तथा तर्कसंगत निर्णय जैसी अभिवृत्तियों का विकास करना।
(स) अच्छे व्यवहार का प्रशिक्षण प्रदान करना।
(i) देशभक्ति, साहस, सहयोग तथा विश्व बन्धुत्व की आदत का विकास करना।
(ii) बालकों को अन्य देशों के विकास संबंधी दृष्टिकोणों को समझने में सहायता देना।
(द) मूलभूत कौशलों की उत्पत्ति तथा सुधार।
(i) बालकों में ऐसे कौशलों का विकास करना जो आर्थिक जीवन में पूर्ण योगदान के लिए आवश्यक हैं।
(ii) उनमें तर्कपूर्ण व आर्थिक चिन्तन का विकास करना तथा समय का आदरभाव जाग्रत करना।
(स) वाणिज्य के निम्न कौशलों का निर्माण-
(i) मुद्रित, चित्रित तथा चार्टों की सामग्री का अध्ययन करना।
(ii) लोगों, देशों तथा संस्थाओं को समय, स्थान तथा विकास के दृष्टिकोण से देखना।
(iii) सामाजिक तथा आर्थिक महत्त्व के शब्दों को ठीक-ठीक प्रयोग करना।
(iv) महत्त्वपूर्ण औद्योगिक विकास तिथियों की तुलना, समीक्षा, व्याख्या तथा आलोचना आदि
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