बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वाणिज्य शिक्षण में कोठारी आयोग (1964-66) द्वारा प्रतिपादित उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
कोठारी शिक्षा आयोग (1964-66) ने वर्तमान शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तनों की जरूरत अनुभव की। शिक्षा पद्धति को देश की आकांक्षाओं तथा जरूरतों से संबंधित करने के लिए आयोग ने शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य निर्धारित करने का सुझाव दिया-
(क) उत्पादकता में वृद्धि का उद्देश्य - भारतीय शिक्षा आयोग ने देश के साधनों को विकसित करने तथा उनका प्रयोग करने पर अत्यधिक बल दिया। राष्ट्रीय आय को बढ़ाने के लिए उत्पादन में वृद्धि करना शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। यह कथन बिल्कुल सत्य है कि भारत एक धनी देश है जिसमें गरीब लोग रहते हैं। इस कथन का अर्थ यही है कि वे सब चीजें जैसे- जनसंख्या, क्षेत्र, खनिज पदार्थ, उपजाऊ भूमि, नदियाँ, पर्वत, वन संपदा आदि ऐसे साधन हैं जो भारत में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं तथा जिन पर कोई भी राष्ट्र गर्व कर सकता है।परन्तु भारत में गरीब लोग इसलिए रहते हैं कि इन प्राकृतिक साधनों का उचित प्रकार से विकास नहीं किया जा रहा है। यदि इन साधनों का उचित प्रकार से विकास होने लगे तो हमारे देशवासियों का जीवन स्तर ऊपर उठ सकता है और इसके लिए जरूरत है, उचित प्रकार की शिक्षा की। उचित प्रकार की शिक्षा उत्पादकता को बढ़ावा दे सकती है।
उत्पादकता तथा शिक्षा में संबंध विकसित करने के लिए कोठारी आयोग ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं-
(i) विज्ञान शिक्षा को प्रोत्साहन देना,
(ii) कार्य -अनुभव,
(iii) माध्यमिक शिक्षा का व्यावसायिकरण।
|