बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वाणिज्य शिक्षण में माध्यमिक शिक्षा आयोग (1952) द्वारा सुझाए गये उद्देश्य का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
माध्यमिक शिक्षा आयोग ने राष्ट्र की बदलती हुई स्थितियों के अनुसार-शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्यों का सुझाव दिया है-
(अ) लोकतन्त्रात्मक नागरिकता का विकास - आयोग के विचारानुसार लोकतंत्र के लिए आवश्यक, उपयोगी, जागरूक तथा क्रियाशील नागरिकता का प्रशिक्षण स्कूलों में ही आरम्भ होना चाहिए। लोकतन्त्रात्मक नागरिकता के विकास के लिए विद्यार्थियों में स्पष्ट चिन्तन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, स्पष्ट एवं स्वतन्त्र अभिव्यक्ति, आर्थिक सहयोग, सच्ची देशभक्ति तथा विश्व बन्धुत्व के गुणों को विकसित करना अति आवश्यक है।
(ब) व्यावसायिक कुशलता का विकास - आयोग के अनुसार-देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए विद्यार्थियों में व्यावसायिक कुशलता को विकसित करना होगा।व्यावसायिक कुशलता के विकास के लिए जरूरी है कि विद्यार्थियों में सभी प्रकार के कार्यों के प्रति प्रशंसात्मक दृष्टिकोण विकसित हों, कोर्सों का विभिन्नीकरण हो ताकि विद्यार्थियों को अपनी रुचियों तथा योग्यताओं के अनुसार-व्यवसाय चुनने के अवसर प्राप्त हो सकें और शिक्षा क्रम में रचनात्मक कार्यों की व्यवस्था की जा सके।
(स) व्यक्तित्त्व का विकास - आयोग ने व्यक्तित्त्व के विकास को शिक्षा का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य माना है। आयोग के विचारानुसार केवल व्यावसायिक कुशलता की ओर ध्यान देने से विद्यार्थियों का सर्वतोन्मुखी विकास नहीं हो सकता। इसके लिए उनमें साहित्यिक, कलात्मक तथा सांस्कृतिक रुचियों और रचनात्मक प्रवृत्तियों को विकसित करना भी जरूरी है।
(द) नेतृत्व के लिए शिक्षा - लोकतंत्र को दृष्टि में रखते हुए आयोग ने कुशल नेतृत्व के गुणों के विकास को भी शिक्षा का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य माना है। विद्यार्थियों को इस योग्य बनाना चाहिए कि वे सामाजिक, औद्योगिक, आर्थिक नियोजन आदि विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर सकें।
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