लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2760
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- गद्य / पद्य शिक्षण में शब्दार्थ कार्य की विधियाँ।

अथवा
गद्य शिक्षण में शब्दार्थ कार्य की प्रमुख विधियों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

गद्यांश या पद्यांश के कठिन शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना। शब्दार्थ कार्य करने की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-

(1) पाठ्य पुस्तक में दिए गए शब्दार्थों के द्वारा - छात्र पुस्तक के पाठ के किसी अंश का पठन करते हैं तो उसमें आये कुछ कठिन शब्दों के अर्थों को जानने के लिए पाठ के अन्त में दिए गए शब्दार्थ का सहारा लेते हैं। यह विधि छात्रों को कुछ सहायक अवश्य होती है किन्तु उन्हें पूर्ण सन्तुष्ट नहीं कर पाती। क्योंकि पाठ-पुस्तक में बहुत कम शब्दों के अर्थ दिए हुए होते हैं जबकि व्यावहारिक रूप से अधिक संख्या में कठिन शब्दों का सामना करना पड़ता है।

(2) शिक्षक द्वारा शिक्षण के दौरान कराया गया शब्दार्थ कार्य - इस विधि में शिक्षक, शिक्षण के दौरान आए कठिन शब्दों के अर्थ को श्यामपट्ट पर लिखते जाते हैं तथा उनकी यथोचित व्याख्या भी करते हैं। यह विधि प्रथम विधि से श्रेष्ठ अवश्य होती है किन्तु छात्रों की समस्या का सम्पूर्ण समाधान नहीं. कर पाती क्योंकि प्रायः शिक्षक के द्वारा भी कुछ-न-कुछ कठिन शब्द अनायास छूट ही जाते हैं जिनका अर्थ छात्रों को पता नहीं होता तथा डर या संकोच के कारण छात्र शिक्षक से उन शब्दों के अर्थों को पूछते भी नहीं हैं।

(3) हिन्दी शब्दकोष का स्वतः प्रयोग करके - शब्दार्थ शिक्षण या शब्दों को जानने की इस विधि में प्रथम तथा द्वितीय दोनों विधियों के गुण समाहित होते हैं। इस विधि को मिश्रित विधि भी कहा जाता है। इस विधि में छात्र अध्ययन के दौरान आए कठिन शब्दों के अर्थों को जानने के लिए स्वयं शब्दकोष का प्रयोग करके जान सकते हैं। इसमें छात्र अपनी जानकारी के अनुसार- पाठ के उन सभी शब्दों के अर्थ को जान सकता है जिनके अर्थ उसे नहीं ज्ञात होते हैं इस प्रकार शब्दार्थ कार्य की यह सर्वोत्तम विधि मानी जाती है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book