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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2760
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कविता-शिक्षण के उद्देश्यों को बताइए। शिक्षण के विभिन्न स्तरों पर पद्य-शिक्षण के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। 

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. (कविता) पद्य-शिक्षण के सामान्य उद्देश्य बताइए।
अथवा
2. माध्यमिक स्तर पर पद्य-शिक्षण के सामान्य उद्देश्य लिखिए।

उत्तर- 

पद्य (कविता) शिक्षण के उद्देश्य

पद्य (कविता) शिक्षण की उपादेयता सर्वमान्य तथा सर्वविदित है। कविता के शिक्षण का विशिष्ट रूप से उसमें भावार्थ पर निर्भर होता है।

कविता-शिक्षणके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

1. कविता-शिक्षणसे भावात्मक तथा ज्ञानात्मक पक्षों का विकास होता है। भावना, कल्पना तथा बौद्धिक तत्त्वों का विकास होता है।

2. कविता-शिक्षणके रागात्मक वृत्तियों का संशोधन और संस्कार करना है।

3. छात्रों की सौन्दर्यानुभूति प्रवृत्तियों का विकास करना है।

4. कविता की रसानुभूति से छात्रों को आनन्दित करना।

"विभानुभाव व्याभिचारी संयोगाद्रस निष्पत्ति।'
रस के बिना कविता कहलाने का अधिकार नहीं है।
"जो भरा नहीं भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं, पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।"

5. कविता-शिक्षणसे राष्ट्रीयता तथा देश प्रेम की भावना का विकास करना।

6. काव्य निहित सत्यम् शिवम् सुन्दरम् का विकास करना।

7. कविता-शिक्षणसे छात्रों में मानवता का भाव विकसित करना।

"काव्य की भूमि मानव कल्पना की भूमि है।"

8. छात्रों को आत्मसात् कराना कि भाव काव्य का प्राण है तथा संगीत उसकी हृदय गति है, कविता की ध्वनि उसकी आत्मा है।

9. काव्य के शिक्षण से स्थायित्व और अमरता में गुणों का विकास करना है।

10. जीवन को प्रतिबिम्ब करने वाली तथा परिष्कार करने वाली कविता का रसास्वादन कराकर छात्रों के व्यक्तित्त्व का विकास करना है।

11. कविता-शिक्षणसे भाषा का शुद्ध एवं स्पष्ट उच्चारण उचित गति-यति, लय और भाव के अनुसार-, कविता का सस्वर वाचन करना है।

12. कविता में निहित व्यंजित भावों, अनुभूतियों और कल्पनाओं को समझना, ग्रहण करना तथा उनका रसास्वादन करना। कविता में निहित मूल्यों एवं आदर्शों के शिक्षण द्वारा छात्रों में सद्वृत्तियों का विकास करना है।

पद्य-शिक्षण के अन्य उद्देश्य

1. कौशलगत उद्देश्य।
2. विषयगत उद्देश्य |
3. भाषागत उद्देश्य।
4. भावगत उद्देश्य।

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