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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2760
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कक्षा सात में पढ़ाने के लिए एक गद्य की पाठ योजना तैयार कीजिए।

अथवा
हिन्दी भाषा शिक्षण में गद्य का महत्त्व स्पष्ट करते हुए कक्षा सात के लिए एक पाठ योजना तैयार कीजिए।

उत्तर-

हिन्दी भाषा शिक्षण में गद्य का महत्व

गद्य शब्द संस्कृत भाषा की गद् धातु से बना है जिसका अर्थ होता है-'स्पष्ट कहना'। साहित्य दर्पण के अनुसार-, 'वृत्त वंधोज्झिलं गद्यजें' अर्थात् वृत्त बन्ध ही रचना गद्य कहलाती है।

साहित्य की विभिन्न विधाओं में गद्य का स्थान महत्त्वपूर्ण है। 'गद्य कवीनां निष्कर्ष वदन्ति' अर्थात् गद्य को कवियों (लेखकों) की कसौटी कहा गया है। गद्य रचना में लेखक स्वतन्त्र रहता है। स्वतन्त्र होने के नाते उसे अत्यन्त सावधान भी रहना पड़ता है। आधुनिक युग में हम बोलचाल से लेकर साहित्य निर्माण के लिए गद्य पर ही आश्रित हैं। गद्य के द्वारा छात्रों में शब्दों, वर्णों तथा वाक्यों के उच्चारण में शुद्धता लायी जाती है इसके माध्यम से छात्र चिन्तन शक्ति, लेखन कला एवं भक्ति का विकास करते हैं।

आधुनिक युग में साहित्य का सर्वतोमुखी विकास गद्य के कारण ही हुआ है। इसके अन्तर्गत कहानी, नाटक, जीवनी, आत्मकथा, वर्णन, उपन्यास इत्यादि का प्रचुर मात्रा में लिखे जा रहे हैं। गद्य सामाजिक व्यवहार को सुगम बनाने का एक प्रभावी साधन है। इसी कारण इससे साहित्य सृजन अधिक मात्रा में हो रहा है। इसके माध्यम से छात्रों को विभिन्न शैलियों में कुशल बनाया जा रहा है उनके शब्द भण्डार को बढ़ाने में सहायता मिल रही है। नए शब्दों के निर्माण में भी गद्य का विशेष महत्त्व है। गद्य के बिना तो व्यावहारिक जीवन अत्यन्त कष्टकारी होकर रह जायेगा।

पाठ योजना

दिनांक                                                        कक्षा - 7
विषय -    हिन्दी (प्रेरक प्रसंग) गद्य             चक्र - द्वितीय
उपविषय - गुरु साहब का स्वर्गारोहण             अवधि - 40 मिनट

सामान्य उद्देश्य-

(1) छात्रों को शुद्ध हिन्दी शब्दों को हृदयंगम करने तथा क्लिष्ट शब्दों के उच्चारण में अभ्यस्त करना।

(2) छात्रों की मानसिक तथा बौद्धिक शक्तियों का विकास करना।

(3) छात्रों में भाषा सम्बन्धी ज्ञान की अभिवृद्धि करना।

(4) शब्द भण्डार एवं सूक्ति भण्डार में वृद्धि करना।

(5) पाठगत सुन्दर भावों एवं विचारों द्वारा चरित्र-निर्माण करना।

मुख्य उद्देश्य-

(1) छात्रों को गुरु साहब के 'स्वर्गारोहण' पाठ के माध्यम से गुरु साहब द्वारा किये गये कार्यों का ज्ञान कराना।

(2) छात्रों को गुरु साहब की विरक्ति, त्याग, तपस्या और बलिदान का बोध कराना।

सहायक सामग्री - कक्षोपयोगी समस्त सहायक उपकरण।

पूर्व ज्ञान - छात्र गुरु साहब के जीवन के त्याग, बलिदान एवं विरक्ति के बारे में सामान्य जानकारी रखते हैं।

प्रस्तावना प्रश्न-

(1) हमारे देश में कौन-कौन से महान धर्म गुरु हुये?
(2) सिख धर्म के अन्तिम गुरु कौन थे?
(3) आचरण की दृष्टि से गुरु गोविन्द सिंह का जीवन कैसा था?

उद्देश्य कथन - आज हम गुरु साहब का स्वर्गारोहण पाठ के कुछ अंश के माध्यम से गुरु गोविन्द सिंह का जीवन कैसा था? उनका नाम देश में किस प्रकार अमर हो गया? इसके बारे में पढ़ेंगे।

प्रस्तुतीकरण-

गोदावरी नदी के तीर ................... स्नेह करते थे।

आदर्श वाचन - छात्राध्यापक उचित आरोह-अवरोह, लय, यति गति एवं विराम चिन्हों का ध्यान रखते हुए आदर्श वाचन करेगा।

कठिन शब्दोच्चारण - छात्राध्यापक द्वारा कठिन शब्दों को श्यामपट्ट पर लिखकर छात्रों से कठिन शब्दों का उच्चारण कराया जायेगा।

अनुकरण पाठ - दो या तीन छात्रों द्वारा शुद्ध शब्दोच्चारण एवं स्पष्ट वाणी में विरामादि का ध्यान रखते हुये अनुकरण पाठ किया जायेगा तथा छात्राध्यापक आवश्यकतानुसार उनकी त्रुटियाँ में सुधार करेगा।

स्पष्टीकरण-

श्यामपट्ट कार्य

शब्द अर्थ प्रणाली प्रयोग
अनुचर सेवक व्युत्पत्ति अनु + चर इसमें अनु उपसर्ग है। पीछे चलने वाला = सेवक
विषम कठिन वाक्य प्रयोग विषम परिस्थितियों में हमें कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए।
अर्पण प्रदान करना वाक्य प्रयोग राजा ने प्रजा को अन्न अर्पण किया।
सज्जन भले आदमी विलोम दुर्जन
असन्तुष्ट नाराज वाक्य प्रयोग राजा जयसिंह बिहारी से असन्तुष्ट नहीं थे।


मौन वाचन - छात्राध्यापक द्वारा छात्रों को बिना होंठ हिलाये मौन वाचक करने का आदेश दिया जायेगा तथा वह स्वयं उनके कार्य का निरीक्षण करेगा।

विचार विश्लेषणात्मक प्रश्न - निम्नांकित प्रश्न पूछे जायेंगे-

(1) गुरुजी ने बहादुरशाह के हीरे को कहाँ फैंका? (नदी में)

(2) बहादुरशाह ने गुरुजी को हीरा किस भाव से भेंट किया? (अभिमान के )

(3) बहादुरशाह ने कहाँ लौटते हुये गुरुजी के दर्शन किये? (दक्षिण देश से)

(4) गुरु नानक का सिद्धान्त क्या था? (आत्मिक दृष्टि से सारे मनुष्य बराबर हैं)

(5) अताउल्ला खाँ तथा गुल खाँ किसके शिष्य थे? (गुरु गोविन्द सिंह के)

सस्वर पाठ - गद्यांश का स्थायी भाव रखने के लिए दो या तीन छात्रों से एक बार पुनः सस्वर पाठ कराया जायेगा।

पुनरावृत्ति प्रश्न - निम्नांकित प्रश्न पूछे जायेंगे-

(1) गोदावरी के तीर पर कौन-सा नगर था?

(2) आत्मिक दृष्टि से सारे मनुष्य बराबर हैं। यह किस महापुरुष का सिद्धान्त है?

(3) गुरु गोविन्द सिंह के कितने पुत्रों को दीवार में चुनवा दिया गया था?

गृहकार्य - गुरु जी ने बादशाह द्वारा दिये गये हीरे को कहाँ और क्यों फेंक दिया? इससे उनके कौन-से गुण पर प्रकाश पड़ता है?

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