बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- संपर्क भाषा की अवधारणा पर प्रकाश डालिए।
अथवा
भारतवर्ष में एक संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी की स्थिति पर विचार कीजिए।
अथवा
सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी की वर्तमान स्थिति को अभिव्यक्त कीजिए।
अथवा
'संपर्क भाषा' पर टिपणी लिखिए।
अथवा
सम्पर्क भाषा के रूप में आप हिन्दी को कहाँ तक सक्षम मानते हैं? इसपर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
अथवा
सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी की महती भूमिका को स्पष्ट कीजिए
अथवा
भारत की बहुभाषिकता को स्पष्ट करते हुए एक संपर्क भाषा की आवश्यकता पर अपना अभिमत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
संपर्क भाषा से तात्पर्य उस भाषा रूप से है जो समाज के विभिन्न तबकों के बीच संपर्क साधने का कार्य करती है। कोई भी राज्य हो उसमें विभिन्न भाषा का प्रयोग करने वाले होते हैं। एक भाषा-भाषी वर्ग को दूसरे भाषा-भाषी वर्ग की भाषा को समझने में दिक्कत आती है। संपर्क भाषा इसी समस्या का हल है। संपर्क भाषा एक सामान्य भाषा होती है। जो विभिन्न भाषा समूहों के बीच संपर्क कायम करने का काम करती है।
हिन्दी इस दृष्टि से बोली बोलने वाले वर्गों के बीच संपर्क भाषा है और भारत के अन्य क्षेत्रों में भाषाएं बोलने वालों के बीच संपर्क भाषा है। संपर्क भाषा का एक और व्यापक अर्थ भी है। शासन के विभिन्न अंगों में पूरे देश को जोड़ने के लिए हमने राजभाषा को अपनाया। इस प्रकार राजभाषा औपचारिक रूप में देश की संपर्क भाषा है। राजभाषा के माध्यम से ही देश के विभिन्न विधायी निकाय एक-दूसरे से संपर्क कर पाते हैं, विभिन्न न्यायालय एक समन्वित इकाई के रूप में काम कर पाते हैं और देश के विभिन्न कार्यालय एक-दूसरे से संपर्क कर पाते हैं। हम इस औपचारिक संपर्क भाषा को राजभाषा के नाम से अगले प्रकरण में देखेंगे। यहाँ पर हम अनौपचारिक स्तर पर संपर्क भाषा की चर्चा करेंगे। अनौपचारिक संपर्क के संदर्भ में सबसे पहले पूरे देश के लोगों के परस्पर संपर्क की बात आती है।
तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश के लोग तब तक एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर सकते, जब तक उनके लिए एक भाषायी माध्यम उपलब्ध न हो। या तो दोनों प्रदेश के लोग दोनों भाषाओं का व्यवहार करें या फिर दोनों में से एक को संपर्क के लिए अपनाएं। अधिकतर परिस्थितियों में इस प्रकार का भाषिक संपर्क नहीं हो पाता है और एक तीसरे रूप अर्थात् देश की संपर्क भाषा को अपनाना पड़ जाता है। आपने आमतौर पर देखा होगा कि रेलगाड़ियों में जिनमें विभिन्न भाषा-भाषी सफर करते होते हैं, आम तौर पर लोगों का संपर्क हिन्दी के माध्यम से ही हो पाता है। देश के अन्य सुदूर प्रदेशों में भ्रमण करने वाले व्यक्ति अगर अपनी भाषा के माध्यम से संपर्क न कर सके तो आमतौर पर अंग्रेजी या हिन्दी के शब्दों से काम चलाते हैं। इस प्रकार व्यावहारिक रूप से इस समय हिन्दी देश के लोगों के बीच संपर्क भाषा बनी हुई है। विदेशों में भी, जहाँ के प्रवासी भारतीय कामकाज के लिए वहाँ की भाषा को अपनाकर अपने सांस्कृतिक वातावरण में एक साथ आते हैं तो हिन्दी को ही संपर्क भाषा के रूप में अपनाते हैं। भाषा के लिए संपर्क भाषा बनने के लिए एक वातावरण भी चाहिए। लोग हिन्दी के माध्यम से तभी संपर्क कर सकते हैं, जब उन्हें थोड़ी हिन्दी आती हो। इस दृष्टि से इस शताब्दी के आरंभ से ही एक व्यापक आंदोलन-सा चला है। स्कूली शिक्षा और स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाओं के कारण, देश के कोने-कोने में लोगों ने हिन्दी सीखी और इसका प्रचार बढ़ा। इसके अलावा मनोरंजन के क्षेत्र में हिन्दी की फिल्मों और फिल्मों के गानों का योगदान भी इतना ही महत्वपूर्ण रहा। फिल्मों का स्तर जो भी हो पूरे भारत में जगह-जगह हिन्दी की फिल्में प्रदर्शित की जाती हैं और पसंद की जाती हैं। आज दूरदर्शन अपने कार्यक्रमों के माध्यम से इस प्रकार संपर्क भाषा का व्यापक प्रचार कर रहा है। संविधान के अनुच्छेद 351 के अनुसार- हिन्दी देश की सामाजिक संस्कृति की वाहक है। हिन्दी की यह भूमिका कुछ हद तक हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्रदान करती है। राष्ट्रभाषा वह भाषा है, जो देश को जोड़ती है, देश के विभिन्न साहित्यों और विभिन्न संस्कृतियों का माध्यम बनती है और लोग इसे मन से अपनाते हैं। हिन्दी भाषा में राष्ट्रभाषा कहलाने लायक वह गुण है जो संपर्क भाषा हिन्दी से पैदा हुआ है।
हिन्दी भारत के विशाल भू-भाग में बोली जाती है। हिन्दी भाषी क्षेत्र के अंदर छः राज्यों उत्तर- प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश आते हैं। पंजाब और दिल्ली के कुछ हिस्सों में इसका प्रयोग होता है। इस क्षेत्र में बोली जाने वाली हिन्दी भाषा को पांच उप-भागों में बाँटा गया है- पश्चिमी हिन्दी, पूर्वी हिन्दी, राजस्थानी, पहाड़ी और बिहारी। इन पाँचों उप-भाषाओं की अपनी-अपनी क्षेत्रीय बोलियाँ हैं।
इस प्रकार हिन्दी संपर्क भाषा के रूप में विशाल क्षेत्र को जोड़ने का कार्य करती है। अतः यह एक संपर्क भाषा है। राजभाषा के रूप में इसे संवैधानिक मान्यता प्राप्त है।
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