बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हिन्दी शिक्षक का अर्थ एवं परिभाषा बताइए।
उत्तर-
शिक्षक का अर्थ एवं परिभाषा
गुरु का रूप समय अनुरूप काल, वाद के अनुसार परिवर्तित होता चला गया। पूर्वकाल में गुरु के पास जाता हुआ शिष्यं भययुक्त होता था। उसके क्रोध, अवमानना आदि का भय रहता था। गुरु के अनुरूप ही शिष्य को परिवर्तित होना पड़ता था। गुरु के समीप रहकर ही वेदाध्ययन करना पड़ता था। साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति गुरु की सहायक थी लेकिन वर्तमान समय में गुरु का रूप पूर्णतः परिवर्तित हो चुका है। आज़ न तो वह वेदों का ऋषि या वाचस्पति है न ही उपनिषदों, पुराणों का आचार्य या उपाध्याय। आज गुरु का नवीन रूप शिक्षक के रूप में आता है जिसे अंग्रेजी में टीचर के नाम से पुकारा जाता है। आज का गुरु या शिक्षक शिष्य की रुचि के अनुसार- ही अपना कर्त्तव्य करता है उसके व्यवहार को समझकर ही उसके अनुरूप आचरण करता है तथा शिष्य के साथ एक मित्र की भाँति व्यवहार करता है
एडम्स के अनुसार- - "शिक्षक जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कराता है तथा शाश्वत सत्यों का ज्ञान कराता है। आदर्शवाद में शिक्षक को ईश्वर तुल्य माना गया है।"
" शिक्षक वह है जो शिक्षा देता है अर्थात् मात्रा, स्वर शब्द का ज्ञान कराता है, उसे शिक्षक कहते हैं। आधुनिक युग में शिक्षक का रूप पूर्णरूप से परिवर्तित हो चुका है। वह केवल शब्द, व्याकरण, ज्ञान का ही द्योतक नहीं है अपितु शिष्य के व्यवहार, उसकी रुचियों, वृत्तियों आदि का भी ज्ञाता है। शिक्षक के अनेक आधुनिक शिक्षा दर्शन में निहित वादों में परिवर्तित रूप को देख सकते हैं। ये वाद पाश्चात्य विद्वानों के मतों पर आधारित है।"
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