बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हिन्दी शिक्षण के उद्देश्य व हिन्दी शिक्षण के लक्ष्य में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
हिन्दी शिक्षण के उद्देश्यों व हिन्दी शिक्षण के लक्ष्य में अन्तर
क्रम | हिन्दी शिक्षण के उद्देश्य | हिन्दी शिक्षण के लक्ष्य |
1. | इसका स्वरूप व्यापक सार्वभौमिक स्थायी एवं सार्वकालिक होता है। | ये उद्देश्य तात्कालिक रूप में सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में लघु या सीमित रूप में होता है। |
2. | इनका मापन सदैव सम्भव नहीं हो सकता क्योंकि ये चिरस्थायी प्रभाव वाले होते हैं। | इनका मापन वैज्ञानिक पद्धति से किया जा सकता है। |
3. | इनमें वस्तुनिष्ठता और व्यक्तिनिष्ठता का अद्भुत सम्मिलन होता है। | ये पूर्णत- वस्तुनिष्ठ होते हैं। |
4. | ये आदर्श रूप में एक सन्देश देते हैं। | ये यथार्थ रूप में प्रत्यक्ष देखे व अनुभव किये जा सकते हैं। |
5. | ये दार्शनिक चिन्तन को भी आधार बनाते हैं। | ये केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करते हैं। |
6. | ये शैक्षिक Educational रूप में होते हैं। | ये अनुदेशन (instruction) प्रणाली पर आधारित होते हैं। |
7. | प्रकरण के अनुसार- इनके स्वरूप में न्यूनतम परिवर्तन किया जाता है। | ये प्रकरण के अनुसार- परिवर्तित होते रहते हैं। |
8. | ये प्राप्य उद्देश्यों के सम्मिलित प्रभाव के रूप में होते हैं। | 'प्रत्येक प्राप्य उद्देश्यों का पृथक्-पृथक् प्रभाव होता है। |
9. | ये शिक्षण कार्य की अन्तिम या पूर्ण अभिलाषा की सामान्य घोषणा करते हैं। | ये शिक्षण के विभिन्न अंगों से सम्बन्धित ज्ञान की घोषणा करते हैं। |
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