बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हिन्दी शिक्षण की प्रमुख समस्याएँ या सीखने में कुछ-न-कुछ समस्याएँ बताइए।
उत्तर-
हिन्दी शिक्षण की प्रमुख समस्याएँ या सीखने में समस्याएँ
किसी भी भाषा के शिक्षण या सीखने में कुछ-न-कुछ समस्याएँ अवश्य आती हैं। हिन्दी भाषा शिक्षण में भी पठन, लेखन एवं व्याकरण सम्बन्धी प्रमुख समस्याएँ आती हैं जिसका सामना शिक्षक तथा शिक्षार्थी दोनों को करना पड़ता है। हिन्दी भाषा शिक्षण की उक्त समस्याओं का संक्षिप्त वर्णन निम्नवत् है-
(1) पठन सम्बन्धी समस्या - किसी भी भाषा के पठन से ध्वनि का उच्चारण प्रमुख समस्या होती है। हिन्दी की ऐसी अनेक ध्वनियाँ हैं जो हिन्दी भाषी क्षेत्र से अलग के व्यक्तियों, बालकों के लिए अत्यन्त कठिनाई पैदा करती हैं और जो ध्वनियाँ उनकी मातृ भाषा में नहीं हैं उनका उच्चारण करना तो उनके लिए बिल्कुल ही असम्भव है। जैसे हिन्दी में लिखते हैं- राम, श्याम, महल, भवन किन्तु इनका उच्चारण करते हैं- राम्, श्याम्, महल, भवन्।
(2) लेखन सम्बन्धी समस्याएँ - हिन्दी की लिपि देवनागरी है यह एक अत्यन्त प्राचीन लिपि है जो कि सुन्दर, सुडौल, सरल तथा वैज्ञानिक भी है। इसके बावजूद हिन्दी शिक्षण में हिन्दी लिपि के कारण समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे- अक्षर के ऊपर (के, को, कौ) बाएँ (कि) तथा दाएँ (की) मात्राएँ लगती हैं जो कि टंकण की दृष्टि से समस्यात्मक हैं।
(3) व्याकरण की दृष्टि से - हिन्दी की व्याकरण संरचना में लिंग और वचन त्रुटि, विभक्तियाँ कर्त्ता या कर्म के अनुसार- क्रिया का रूप, काल के अनुसार- न लगाने का नियम आदि समस्यात्मक स्थितियाँ हैं जैसे-मेरे पिताजी अध्यापक हैं जबकि हैं बहुवचन का द्योतक है। मंदिर तथा मन्दिर दोनों का प्रयोग होता है जबकि मंदिर उच्चारण एवं व्याकरण दोष से युक्त है।
अतः आवश्यकता है कि हिन्दी भाषा शिक्षण के इन आधारभूत दोषों को दूर करने के लिए हिन्दी भाषाविदों को समग्र रूप से विचार करके इन्हें दूर करने का कार्य करना चाहिए।
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