बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
परिवर्तन प्रकृति का नैसर्गिक नियम है। हिन्दी भाषा की ध्वनि में परिवर्तन भी इससे अछूता नहीं है। हिन्दी भाषा में ध्वनि परिवर्तन के सकारात्मक एवं नकारात्मक परिणाम दृष्टिगत हुए हैं। इसका नकारात्मक स्वरूप उच्चारण दोष, वर्तनी दोष, दोषपूर्ण वाचन एवं लेखन के रूप में है तो सकारात्मक रूप में हिन्दी भाषा की कई बोलियों के रूप में देखा जा सकता है। भाषा विकास परिवर्तन का ही परिणाम है।
हिन्दी भाषा में ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारण निम्नवत् हैं-.
ध्वनि परिवर्तन के कारण- हिन्दी भाषा में ध्वनि परिवर्तन के कारणों का दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-
1. आन्तरिक कारण
2. वाह्य कारण
1. आन्तरिक कारण - ध्वनि परिवर्तन के आन्तरिक कारणों में व्यक्ति की जैवकीय बनावट, मनुष्य द्वारा सीखने के प्रयत्न में कमी या आलस्य, बोलने में शीघ्रता करना, अत्यधिक भावुक होकर बोलना, शब्दों का अत्यधिक क्लिष्ट व जटिल होना, बनावटी रूप से बोलने का प्रयास करना, शारीरिक दुर्बलता या बीमारी, बोलने की अनिच्छा, शारीरिक या मानसिक थकावट का होना इत्यादि आन्तरिक कारणों से ध्वनि परिवर्तन होता है।
2. वाह्य कारण - हिन्दी भाषा में ध्वनि परिवर्तन के वाह्य कारणों में अशिक्षा या दोषपूर्ण शिक्षा, सामाजिक प्रभाव, राजनीतिक विवशता, भौगोलिक स्थितियाँ, सांस्कृतिक प्रभाव, नैतिक प्रभाव, काव्य सम्बन्धी किए गए विशेष परिवर्तन, काल प्रभाव, क्षेत्र प्रभाव, भाषा के लिए विकसित होते हुए स्वरूप का प्रभाव, वाह्य प्रयुक्त यान्त्रिक उपकरण जैसे ध्वनि विस्तारण यन्त्र, माइक, सादृश्यता (Analogy), नकल की प्रवृत्ति, विदेशी या किसी अन्य भाषा का प्रभाव इत्यादि कारणों से ध्वनि में परिवर्तन होने की पूर्ण सम्भावना रहती है।
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