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बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वन अग्नि के कारण तथा बचाव के उपाय का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
(Causes of Forest Fire and Measures of Prevention)
कारण (Causes) - वन अग्नि के प्रमुख कारण निम्नलिखित है-
1. वन की आग के कई प्राकृतिक कारण भी हो सकते हैं लेकिन भारत में इसका प्रमुख कारण मानव गतिविधियाँ है। कई अध्ययन विश्वस्तर पर आग के बहुत मामले को जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हैं, विशेष रूप से ब्राजील तथा आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग। वनाग्नि की लम्बी अवधि, बढ़ती तीव्रता, उच्च आवृत्ति आदि को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा रहा है।
2. भारत में मार्च - अप्रैल के दौरान वनाग्नि की सर्वाधिक घटनाएँ घटित होती है क्योंकि यहां के जंगलों में इस समय सूखी लकड़ियाँ, पत्तियां, घास और खरपतवार जैसे आग को बढ़ावा देने वाले पदार्थ मौजूद होते हैं।
3. वनाग्नि के लिए उत्तराखण्ड में मिट्टी में नमी की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। मानसून सीजन वर्ष 2019 तथा 2020 में क्रमशः 18% तथा 20% तक औसत से लगातार दो व्यय वर्षा हुई है।
4. वनों की अधिकांश आग मानव निर्मित होती है। कभी-कभी तो जान-बूझकर भी आग लगाई जाते है। उदाहरण के लिए उड़ीसा में सिमीलीपाल के जंगल में पिछले महीने भीषण आग की घटना देखी गयी थी जिसका कारण यह था कि यहाँ के स्थानीय लोगों ने महुआ के फूलों को एकत्र करने के लिए जमीन साफ करने हेतु सूखी पत्तियों में आग लगा दी और यह आग जुंगल में फैल गयी।
बचाव के उपाय (Measures of Prevention) - ये उपाय निम्नलिखित हैं-
1. FSI ने वर्ष 2004 के बाद से सही समय पर जंगल की आग की निगरानी के लिए फॉरेस्ट फायर अलार्म सिस्टम विकसित किया है। इस सिस्टम का नवरी 2019 में उन्नत संस्करण लान्च किया गया जो कि अब नासा और दूसरो से एकत्रित उपग्रह जानकारियों का उपयोग करता है।
2. वनाग्नि को कम करने के प्रयासों में शामिल अन्य योजनायें हैं, वनाग्नि पर राष्ट्रीय कार्य योजना 2018 और वनाग्नि निवारण तथा प्रबन्धनन योजना।
3. जंगलों में बीच-बीच गड्ढे खोद देना चाहिए, ताकि आग ज्यादा न फैल सके।
4. जंगल से उन सभी चीजों को हटा देना चाहिए जो चिन्गारी पैदा करती हैं।
5. जंगल के आस-पास के निवासियों को वनाग्नि से बचने तथा उसे बुझाने के उपायों का ज्ञान करनाना चाहिएं।
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