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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2759
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भारत में पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्रमों एवं समस्याओं की विवेचना कीजिए।

उत्तर-

भारत एक विशाल देश है। भारत के अधिकांश लोग गाँवों में ही रहते हैं, स्वतंत्रता के बाद देश में शिक्षा की बहुत अधिक उन्नति हुई है, लेकिन फिर भी अशिक्षितों की जनसंख्या बहुत अधिक है। सन् 2005 में जहाँ देश की जनसंख्या सौ करोड़ से भी अधिक हो गयी है। जनसंख्या की अत्यन्त तीव्र वृद्धि के कारण हमारी पर्यावरण आवश्यकतायें भी तीव्रगति से बढ़ी हैं, किन्तु पिछले कुछ वर्षों से देश के नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक, ऊर्जाशास्त्री तथा नागरिक पर्यावरण के प्रति सजग हो उठे हैं। पर्यावरण को सुधारने के लिये पर्यावरण शिक्षा की जागरुकता भी देश में तेजी से उत्पन्न हो गयी है, परन्तु विशाल देश होने के कारण पर्यावरण शिक्षा की हमारी अपनी समस्याएँ भी हैं।

पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्रम - पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्रम निम्नलिखित हैं-

(1) भारत सरकार की नयी शिक्षा नीति में पर्यावरण संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रयोग पर बल दिया गया है।

(2) प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा पर देश में विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसीलिये प्राथमिक स्तर पर बच्चों को अपने आस-पास के पर्यावरण की जानकारी करने के बारे में अत्यधिक जोर दिया जा रहा है।

(3) विद्यालय एवं विश्वविद्यालयों के शिक्षण कार्यक्रमों में पर्यावरण को विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान आदि विषयों के साथ पढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इसमें पर्यावरण सम्बन्धी सामग्री, शिक्षण सहायता, प्रोजेक्ट एवं प्रशिक्षण का भी प्रावधान है।

(4) पर्यावरण के विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिकों, शिक्षाशास्त्रियों आदि के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं।

(5) देश में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसमें स्कूलों के बच्चों को राष्ट्रीय उद्यानों एवं पक्षी उद्यानों को देखने का प्रावधान है।

(6) देश में प्रत्येक वर्ष पर्यावरण से सम्बन्धित लेख पेन्टिंग, पोस्टर एवं चित्रकारी की प्रतियोगितायें की जाती हैं, जिनमें बच्चों को पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं।

(7) मीडिया के रूप में रेडियो, टेलीविजन एवं समाचार पत्र पर्यावरण के विषय में देश में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

(8) देश में नृत्य एवं संगीत के कार्यक्रमों के द्वारा पर्यावरण सम्बन्धी जानकारियाँ लोगों तक पहुँचायी जा रही है।

(9) भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जिससे देश में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ रही है।

(10) हमारे देश में विभिन्न नगरों में ऐसे अनेक राष्ट्रीय उद्यान, संग्रहालय, प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय एवं विज्ञान केन्द्र हैं जो पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं से लोगों को अवगत कराते हैं।

(11) देश में शिक्षकों के लिये पर्यावरण शिक्षा के अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।

(12) पर्यावरण की अनेक समस्याओं के समाधान के लिये देश में कम्प्यूटर शिक्षा तथा इसके प्रयोगों को अत्यन्त बढ़ावा दिया जा रहा है।

(13) देश की अनेक स्वयंसेवी संस्थाएँ पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्रम चला रही हैं। पर्यावरण शिक्षा के प्रचार तथा प्रसार में ये संस्थायें अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

(14) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् संगठन देश में पर्यावरण शिक्षा के प्रचार तथा प्रसार में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पर्यावरण शिक्षा की समस्याएँ - पर्यावरण की प्रमुख समस्या मनुष्य का अपना-अपना स्वार्थ है। अधिकांश लोगों का यह मत है कि वे पर्यावरण के प्रति अन्याय कर रहे हैं, लेकिन अपने स्वार्थ एवं धन के लालच में वे अपने क्रियाकलापों को ठीक प्रकार से नहीं करते हैं । यहीं कारण है कि पर्यावरण से सम्बन्धित समस्यायें कम होने के स्थान पर अधिक बढ़ रही हैं और नित नई समस्याओं का जन्म हो रहा है। अतः जब तक मानव स्वार्थ एवं धन के लालच से बाहर नहीं निकलेगा तक तक पर्यावरण की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकेगा, बल्कि नियमों एवं कानूनों को दृढ़ता के साथ लागू करें, जिससे कि पर्यावरण की नित जन्म लेने वाली समस्याओं का समाधान हो सके।

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