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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2759
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- पर्यावरण अध्ययन की प्रकृति स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

पर्यावरण अध्ययन की प्रकृति का अध्ययन निम्नलिखित दो शीर्षकों में किया जाता है-

1. पर्यावरण एवं जीवन विज्ञान - जीव विज्ञान विषयों में प्राणि विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी) प्रमुख विषय हैं, जो पर्यावरण अध्ययन से सम्बन्धित हैं। जीव-जातियों का वितरण, शारीरिक विशेषताएँ, स्थानान्तरण (माइग्रेशन) एवं जैव विविधता इत्यादि विभिन्न प्रकार के पर्यावरणों द्वारा ही निर्धारित होता है। पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) पर्यावरण अध्ययन का एक उपागम है, जिसका अध्ययन प्राणि एवं वनस्पति विज्ञान दोनों में किया जाता है। इस प्रकार जीव विज्ञान एवं पर्यावरण अध्ययन एक-दूसरे से अविभाज्य रूप से सम्बन्धित हैं।

2. पर्यावरण एवं सामाजिक विज्ञान - भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, राजनीतिशास्त्र, लोक प्रशासन आदि सामाजिक विज्ञानों में पर्यावरण के विविध पक्षों का अध्ययन किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि, मानव के आर्थिक क्रिया-कलाप, अर्थव्यवस्था का स्वरूप, नगरीकरण, औद्योगीकरण, समाज की पर्यावरणीय अभिरुचि, जागरुकता, अन्तर्राष्ट्रीय संगठन, समझौते इत्यादि पक्षों का अध्ययन सामाजिक विज्ञानों व पर्यावरणीय अध्ययन दोनों में किया जाता है, जो इनके निकट सम्बन्ध को दर्शाता है। वर्तमान समय में मानव अनेक पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों, वन वैज्ञानिकों, मृदाक्षरण, पर्यावरण प्रदूषण, वन्य जीव प्रबन्ध सम्बन्धी वैज्ञानिकों के सम्मुख अपने-अपने क्षेत्रों में समस्याएँ विद्यमान हैं। इन समस्याओं का निराकरण सामाजिक जागरुकता से ही सम्भव है।

स्पष्ट है कि पर्यावरणीय अध्ययन एक बहुआयामी विषय है, जो पर्यावरण के सभी पक्षों का सम्पूर्ण एवं विस्तृत अध्ययन करता है।

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