लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2759
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- जैव विविधता संरक्षण के उपाय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- 

जैव विविधता संरक्षण के उपाय

जैव विविधता के महत्त्वों को देखते हुए इसका संरक्षण अति आवश्यक है। जैव-विविधता के संरक्षण हेतु निम्नलिखित तीन स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं-

(1) आनुवंशिक-विविधता का संरक्षण - आनुवांशिक विविधता के संरक्षण से उस जाति का संरक्षण सम्भव होता है।

(2) जाति-विविधता का संरक्षण।

(3) पारिस्थितिक तन्त्र की विविधता का संरक्षण।

जैव-विविधता का संरक्षण निम्नलिखित दो विधियों के द्वारा किया जा सकता है-

(1) इन सिटू संरक्षण
(2) एक्स सिटू संरक्षण

(1) इन सिटू संरक्षण - इसके अन्तर्गत जैव-विविधता का संरक्षण उनके मूल आवासों में ही किया जाता है। हमारे देश के जैव-विविधता के संरक्षण हेतु भारत सरकार ने सन् 1952 में इण्डियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्थापना की है कि जो कि वन्य जीव एवं जैव-विविधता के संरक्षण हेतु निम्नलिखित उपाय अपनाती हैं-

(1) राष्ट्रीय उद्यानों की सहायता से।
(2) अभयारण्यों की सहायता से।
(3) प्राणी उद्यानों की सहायता से।

जून, 1992 तक हमारे देश के लगभग 73 राष्ट्रीय उद्यान तथा 41 अभयारण्य या शरण स्थल (Sanctuaries) स्थापित थे। भारत सरकार ने जीव-जन्तुओं को उनके स्वयं के पारिस्थितिक तन्त्र में प्रतिबन्धित विकास हेतु 7 बायोस्फियर रिजर्व की स्थापना की है।

पिछले कुछ वर्षों में भृंगुर पारिस्थितिक तन्त्रों जैसे - वैटलेण्ड्स, मैंग्रूव और कोरल रीफ की सुरक्षा के कई कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं। वैटलैण्ड, मैंग्रूव और कोरलरीफ पर एक राष्ट्रीय समिति बनाई गई है जिसने 16 वैटलेण्ड, 15 मैंग्रूव क्षेत्र और 4 कोरल रीफ क्षेत्रों की पहचान की है।

(2) एक्स-सिटू संरक्षण - यह जैव-विविधता के संरक्षण की वह विधि है जिसमें जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों एवं उनकी विविधता का संरक्षण उनके मूल आवास से दूर ले जाकर विभिन्न प्रकार की संस्थाओं, स्थलों एवं प्रयोगशालाओं में किया जाता है।

सामान्यतः एक्स-सिटू संरक्षण निम्न प्रकार के प्राकृतिक आवासों के द्वारा किया जाता है-

(1) वानस्पतिक उद्यानों की स्थापना द्वारा
(2) कृषि अनुसन्धान संस्थानों द्वारा
(3) वानिकी अनुसन्धान संस्थाओं के द्वारा
(4) अजायबघरों की स्थापना द्वारा

एक्स-सिटू संरक्षण के लिए प्रयोगशाला में निम्न तरीकों का उपयोग किया जाता है-

(i) बीज बैंक,
(ii) जीन बैंक,
(iii) इनविट्रो संग्रहण विधि।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book