|
बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
||||||
बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- जैव विविधता में ह्रास के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
भूपृष्ठ पर जैव विविधता में ह्रास के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(1) आवासों का विनाश - वन तथा प्राकृतिक घास स्थल अनेक जीवों के प्राकृतिक आश्रय स्थल होते हैं। मानव द्वारा वन विनाश तथा प्राकृतिक घास स्थलों में कृषि के प्रारम्भ होने से जीवों की अनेक जातियों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो गये। झूम खेती से जैव विविधता को हानि पहुँची । कृषि के प्रारम्भ होते ही अधिवास, सड़क, रेलमार्ग, उद्योग, बाँध आदि निर्माण कार्यों के दौरान पादपों एवं प्राणियों के आवास स्थल नष्ट कर दिये गये। इससे जीवों की अनेक जातियाँ लुप्त होने लगीं।
(2) वन्य जीवों का अवैध शिकार - मानव ने उदर-पूर्ति के लिए वन्य जीवों का शिकार उत्पत्ति काल से ही प्रारम्भ कर दिया था, लेकिन तब यह सीमित मात्रा में था। मानव जनसंख्या में वृद्धि के साथ शिकार की दर बढ़ गई। वन्य जीवों के मांस, खाल, बाल, नाखून, दाँत, सींग इत्यादि की बढ़ती माँग व अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में ऊँचे मूल्य के कारण अवैध शिकार बड़े पैमाने पर होने लगे जिससे जंगली सूअर, बाघ, शेर, चीता, हाथी, गोड़ावण आदि प्राणी अवैध शिकार से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। वन्य जीवों के अवैध व्यापार, तस्करी व शिकार से अनेक जातियाँ लुप्त होने के कगार पर हैं।
(3) मानव-वन्य प्राणी द्वन्द्व - जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण भोजन व आवास की माँग बढ़ती गयी। जीवों के आवास स्थल पर अतिक्रमण होने लगा। कृषि भूमि एवं आबादी क्षेत्रों के विस्तार के कारण वन एवं घास स्थल संकुचित होते गये। प्राकृतिक आश्रय स्थलों के नष्ट होने तथा भोजन व पानी की तलाश में भटकते वन्य जीवों के आबादी क्षेत्रों व खेतों में प्रवेश करने पर मार दिया गया । वनों के अधिक विनाश के कारण वृक्षों एवं वन्य प्राणियों की अनेक जातियाँ लुप्त हो गयीं। खनन के लिए वनों का विनाश किया गया। उच्च तकनीकी क्षमता हासिल करने के कारण दुर्गम क्षेत्रों में भी मानव गतिविधियाँ बढ़ गयीं एवं जैव विविधता का ह्रास होने लगा।
|
|||||










