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बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- जैव विविधता के विभिन्न स्तरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जैव विविधता के विभिन्न स्तर
(1) अनुवांशिक विविधता - यह जैविक विविधता का मुख्य स्रोत है। जीवों में पायी जाने वाली 'जीन' विभिन्न प्रकार से मिलकर जीवों में विविधता लाने के लिए उत्तरदायी है। 'जीन' में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक विभिन्न लक्षणों को ले जाने वाली मूल इकाई है। जब एक ही प्रजाति के जीन विभिन्न प्रकार से मिलकर जीवों में अन्तर पैदा कर दें तो इसे अनुवांशिक विविधता कहते हैं।
उदाहरण के लिए चावल की सभी किस्में एक ही प्रजाति 'ओराइजा सटाईवा' से बनी हैं। परन्तु आनुवांशिक विविधता के कारण इनका रंग, आकार, खुशबू एवं पोषक तत्त्व विभिन्न प्रकार के हैं। इसी प्रकार आम की भी सभी किस्में 'मैग्नीफेरा इंडिका' में, मटर की सभी किस्में 'पाइम्स स्टीवम' से तैयार हुई हैं।
(2) प्रजाति विविधता - यह किसी समुदाय अथवा जनसंख्या में पायी जाने वाले जीवों के बीच की विविधता है। यह किसी समुदाय में जीवों की समृद्धता एवं प्रचुरता को दर्शाती है। प्रजाति- विविधता को आंकने के दो मापक हैं- 'शैनन वीनर इन्डेक्स' और 'सिम्पसन इन्डेक्स'।
हमारे जैव-मण्डल में जीवों की संख्या कितनी होगी? 1992 में विल्सन द्वारा दिये गये आँकड़ों के अनुसार प्रजातियों की कुल संख्या 1 करोड़ से 5 करोड़ के बीच हैं। आज तक केवल 10 लाख 50 हजार जीवित एवं 3 लाख जीवाश्मों की पहचान कर उनके वैज्ञानिक नाम दिये गये हैं। संभावना है कि इनकी खोज कर सूचीबद्ध करने से पहले ही बहुत-सी प्रजातियाँ इस धरती पर से विलुप्त हो जाएँगी।
(3) पारिस्थितिक तन्त्र विविधता - यह पारिस्थितिकीय जटिलता जैसे- आवास, खाद्य- स्तर, खाद्य-जल, पदार्थ चक्रण आदि के बीच पायी जाने वाली विविधता है। पारिस्थितिक-तन्त्र 'भौतिक घटकों जैसे तापमान, आर्द्रता, ऊँचाई, वर्षण आदि के साथ भी विभिन्नता दर्शाता है। अतः पारिस्थितिक तन्त्र के इन घटकों के बीच भी असमानता है। विभिन्न प्रकार के जंगलों में, जहाँ मुख्यतः पेड़ों की प्रभुता है, वहाँ भी अलग-अलग क्षेत्रों में विविधता देखने को मिलती है। उष्ण कटिबन्धीय वनों, पतझड़ी वनों और शीतोष्ण वनों में इन्हीं भौतिक घटकों की विविधता के कारण जैव-विविधता विकसित हुई है। यह विविधता करोड़ों वर्षों में विकसित हुई और इसका संरक्षण अति आवश्यक है।
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