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बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- ओजोन दिवस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
ओजोन परत जमीन की सतह से करीब 20 किलोमीटर ऊपर वायुमण्डल में एक प्रकार से ऑक्सीजन का ही रूप है जो सूर्य की लगभग सभी हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों को कुशलतापूर्वक ढँक लेती है। सूर्य की इन किरणों से त्वचा का कैंसर, आँखों में खराबी तथा शरीर के इम्यून सिस्टम में खराबी आ सकती है। फसल की पैदावार में कमी, वनों की हानि और समुद्री जीवों को नुकसान पहुँच सकता है।
ओजोन की परत की सुरक्षा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय प्रयास सत्तर के दशक से शुरू हुये, जिनके परिणामस्वरूप सन् 1985 में वियना कन्वेंशन तथा सन् 1987 में मोन्ट्रियल प्रोटोकॉल स्वीकार किये गये। इनका अन्तिम संशोधन लंदन में हुआ और उस संशोधन के बाद भारत ने भी इसे अपने देश में 17.5.1992 से लागू कर दिया।
ओजोन की परत को नुकसान पहुँचना अभी भी चिन्ता का विषय बना हुआ है क्योंकि ओजोन को नुकसान पहुँचाने वाले तत्त्वों का विकासशील देशों द्वारा रेफ्रिजरेशन और एअरकण्डीशनिंग, फोम तथा स्प्रे उत्पाद तैयार करने में, अग्नि बुझाने में तथा इलेक्ट्रोनिक्स और अन्य उद्योगों में सोलवेण्ट्स के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
इन तत्त्वों का, जिनमें विशेषतः क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, कार्बन टेट्राक्लोराइड तथा मिथाइल क्लोरोफार्म हैं तथा इनका विभिन्न उपकरणों में उपयोग का एक तिथिवार लक्ष्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया गया है। सभी देशों से अपेक्षा है कि इस भयानक चिन्ता के निवारण में वे पूरी आस्था से सहयोग करें।
ओजोन दिवस को भारत में भी 16 सितम्बर को प्रति वर्ष मनाया जाता है और यह प्रयास किया जा रहा है कि साधारण जन समाज इस समस्या से परिचित हो और उनके अपने स्तर पर दे सकने वाले सहयोग के लिए सदैव तैयार और तत्पर रहे।
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