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बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 चतुर्थ (A) प्रश्नपत्र - पर्यावरणीय शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यावरणीय खेल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
बालकों की अभिवृत्ति तथा विषय-वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए खेल एक अच्छा साधन है। खेल विशेषकर व्यैक्तिक मूल्य, निर्णय तथा प्रवृत्ति निर्माण के विकास में सहायक एवं उपयोगी होते हैं। अतः खेल उन गुणों को बढ़ाता है, जिससे उनका व्यक्तित्व बनता है, लेकिन खेल को संगामी प्रवृत्ति के रूप में जोड़ा गया है और यह स्वीकार किया गया है कि इसके द्वारा शिक्षा का मानसिक बोझ बालक पर अधिक न पड़े। वर्तमान में इसे शिक्षा एवं विषय शिक्षण के रूप में शिक्षाशास्त्रियों ने जोड़कर शिक्षा को अत्यधिक महत्त्व वाला बना दिया है। खेल निम्नलिखित प्रकार से बालकों के लिये उपयोगी है-
(i) खेल स्वास्थ्य को अच्छा बनाते हैं तथा व्यक्ति में अधिक से अधिक प्रतिरोधक क्षमता को पैदा करते हैं।
(ii) इनसे मानसिक विकास होता है, इसी के द्वारा बालक सन्तुलन बनाकर अपनी काल्पनिक एवं तार्किक शक्ति का विकास करता है।
(iii) यह बालक में सामाजिक गुणों का विकास करता है, जिसमें आपसी अनुशासन, उत्तरदायित्व एवं दूसरों की सहायता जैसे गुणों में वृद्धि होती है।
(iv) यह बालकों के संवेगों में नियंत्रण की क्षमता पैदा करता है तथा लज्जाशीलता, कायरता एवं चिड़चिड़ेपन को दूर करता है।
(v) बालकों को खेलों के द्वारा रुचिकर सूचनाएँ मिलती हैं तथा बालक इन्हें सुगमता से सीख जाते हैं।
(vi) खेलों की गतिविधियों के द्वारा सूचना का विश्लेषण किया जाता है।
पर्यावरण के क्षेत्र में खेलों का प्रयोग पर्यावरण शिक्षा केन्द्र, अहमदाबाद (गुजरात) ने किया है, जो सम्भवतः प्रथम तथा मौलिक है। खेल द्वारा छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण सन्तुलन एवं प्राकृतिक विरासत की महत्ता जैसे कठिन प्रयत्नों को सहजता एवं आसानी से समझाने का प्रयत्न किया है। इसके विषय में उनके द्वारा एक प्रकाशन भी किया गया है, जिसमें पर्यावरणीय सिद्धान्तों को प्रतिपादित करने के लिये खेलों के सुझाव दिये गये हैं।
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