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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2758
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शिक्षण में कम्प्यूटर का क्या महत्व है?

उत्तर-

कम्प्यूटर का महत्त्व
(Importance of Computer)

कम्प्यूटर की महत्ता के कारण इसका उपयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार द्वारा कम्प्यूटर शिक्षा को प्रत्येक स्कूल में अनिवार्य कर दिया है। दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक के कार्य कम्प्यूटर द्वारा नियन्त्रित किये जाते हैं। विज्ञान के हर क्षेत्र में दिनों-दिन इसका प्रयोग बढ़ता जा रहा है। अतः शिक्षण कार्य भी इससे अछूता नहीं है इसके विशिष्ट प्रयोग निम्नलिखित हैं-

(1) अनुसंधान - अनुसंधान के क्षेत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान कम्प्यूटर का ही है। विज्ञान से सम्बन्धित प्रत्येक विषय में कम्प्यूटर के प्रयोग ने नये आयाम दिये हैं। पहले जिन गणनाओं को करने में वैज्ञानिकों का कई-कई दिन का समय लगता था। आज वे विश्लेषण सेकण्ड में पूर्ण कर लिये जाते हैं।

(2) सम्प्रेषण - प्रभावी सम्प्रेषण विज्ञान शिक्षण का आवश्यक अंग है। यह कार्य कम्प्यूटर द्वारा सुचारु रूप से किया जा सकता है। बहुत कम समय में शिक्षण सम्बन्धी जानकारियाँ छात्रों को सम्प्रेषित (Communicate) की जा सकती हैं।

(3) शिक्षण सामग्री - लगभग सभी विद्यालयों में कम्प्यूटर का उपयोग शिक्षण साधन के रूप में किया जा रहा है। इसके द्वारा विज्ञान विषय को रुचिकर बनाया जा सकता है। इससे कठिन तथ्यों को हल करने में भी सहायता मिलती है।

(4) नवीनतम ज्ञान - इन्टरनेट के माध्यम से छात्र विषय सम्बन्धी नवीनतम जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा देश एवं विदेशों में हो रहे, खोजों तथा नवीनतम आँकड़ों को देखा जा सकता है।

(5) प्रयोगशाला - प्रयोग उपरान्त आँकड़ों के संश्लेषण में इसका बहुत महत्त्व है। इसके द्वारा शुद्धतम मान प्राप्त किया जा सकता है तथा पूर्व किये गये प्रयोगों के परिणाम को भी सुरक्षित रखकर देख सकते हैं।

(6) पाठ योजना - शिक्षक द्वारा छात्रों के अनुरूप पाठ योजना तैयार करने में यह सहायक सिद्ध होता है।

(7) फिल्मांकन - विज्ञान सम्बन्धी विभिन्न फिल्मों को छात्रों को दिखाकर विभिन्न घटनाओं एवं नियमों को आसानी से छात्रों को समझाया जा सकता है।

(8) पाठ्य-पुस्तकों की प्रिंटिंग - पाठ्य-पुस्तकें विज्ञान विषय का अनिवार्य अंग हैं। अतः इनकी आकर्षक डिजाइनिंग व प्रिंटिंग में कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण योगदान है।

(9) मूल्यांकन - प्रत्येक छात्र की मनोवैज्ञानिक गुणों से सम्बन्धित फाइल बनाकर कम्प्यूटर में संग्रहित कर सकते हैं और उसी के आधार पर शिक्षण उद्देश्यों को निर्धारित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक छात्र कक्षा या विद्यालय का मूल्यांकन करने में भी सहायता मिलती है। परीक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए भी कम्प्यूटर का उपयोग सहायक सिद्ध हुआ है।

कम्प्यूटर की विशेषतायें (Characteristics of Computers)-

(1) कम्प्यूटर द्वारा कम समय में अधिक गणनायें की जा सकती हैं।

(2) कम्प्यूटर में किये गये कार्य को संग्रहण (Store) करने की क्षमता होती है।

(3) इसके द्वारा शुद्ध एवं विश्वसनीय गणनायें प्राप्त होती हैं।

(4) यह शिक्षा के हर क्षेत्र में प्रयोग किया जा सकता है।

(5) इसका संचालन करना आसान व स्व-संचालित (Automatic) होता है।

(6) इससे बिना रुके अधिक समय तक कार्य किया जा सकता है।

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