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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2758
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- मल्टीमीडिया के महत्त्व को उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर-

आधुनिक समय में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र का जितना अधिक विकास हुआ है शायद अन्य क्षेत्र में उतना विकास कहीं नहीं हुआ होगा। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास ने जनसंचार के क्षेत्र को विश्वव्यापी बना दिया है। दुनिया भर की घटनाओं की सूचना हमें फ्लक झपकते ही प्राप्त हो रही है न सिर्फ पढ़ने को मिल रही हैं अपितु सुनने और देखने को भी मिल रही हैं यही कारण है कि मल्टीमीडिया का महत्त्व दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।

शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीमीडिया का महत्त्व

(1) दूरदर्शन का प्रयोग - शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो तथा दूरदर्शन का भारत में पिछले लगभग पचास वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। सन् 1961 ई० में पहली बार दिल्ली के विद्यालयों में टेलीविजन का प्रयोग किया गया था। बाद में इस योजना को मुम्बई, चेन्नई तथा श्रीनगर के दूरदर्शन केन्द्रों के द्वारा इसका उपयोग किया जाने लगा।

सन् 1982 ई० में भारतीय राष्ट्रीय सैटेलाइट (इन्सैट) की स्थापना की गई। इसकी सहायता से प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए टेलीविजन का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया। आज शैक्षिक टेलीविजन कार्यक्रम प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर प्रसारित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न दूरदर्शन चैनलों के द्वारा अलग-अलग भाषा में प्रसारित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों से छात्रों में निश्चित रूप से लाभ मिल रहा है।

(2) इण्टरनेट (Internet) का उपयोग - इण्टरनेट एक अत्याधुनिक संचार प्रौद्योगिकी के रूप में विकसित हुआ है जिसमें दुनिया भर के करोड़ों-अरबों कम्प्यूटर एक नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इण्टरनेट को सामान्यतौर पर कम्प्यूटरों के विश्वव्यापी नेटवर्क के रूप में जाना जाता है जो एक सूचना के आदान-प्रदान सम्बन्धी नियम (प्रोटोकाल) के अन्तर्गत सूचना संचारित करते हैं। इण्टरनेट के द्वारा विश्व की नवीनतम खबरें पल भर में प्राप्त की जा सकती हैं। इसके द्वारा अनेक मल्टीमीडिया सम्बन्धी कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं जैसे - वीडियो कांफ्रेसिंग के डाइमेटर रिट्रीक्ल इत्यादि।

(3) ई-मेल का उपयोग - मल्टीमीडिया के क्षेत्र में ई-मेल का महत्त्व किसी से कम नहीं है। किसी को लिखित संदेश भेजने के लिए, कोई सूचना भेजने के लिए ई-मेल का उपयोग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। ई-मेल अर्थात् इलैक्ट्रॉनिक मेल से है। यह एक ऐसी प्रणाली है इलैक्ट्रॉनिक नेटवर्क तथा उससे परे विभिन्न प्रकार के लिखित संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है। ई-मेल के द्वारा कई प्रकार की सामग्री अर्थात् संदेश, चित्र, दस्तावेज स्प्रैड शीट वीडियोक्लिप आदि भेजे जा सकते हैं। यह अत्यन्त कम समय में सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है।

(4) टेलीकांफ्रैसिंग का उपयोग - मल्टीमीडिया के क्षेत्र में टेलीकांफ्रैसिंग एक ऐसी अत्याधुनिक प्रणाली है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति सुदूर होने के बावजूद अपने इच्छित विषय से सम्बन्धित चर्चा परिचर्या में भाग ले सकते हैं। अपनी बात अपनों से व्यक्तिगत रूप में तथा सामूहिक रूप से कर सकते हैं। टेलीकांफ्रैसिंग के द्वारा शिक्षण कार्य भी किया जाने लगा है किसी विषय विशेष में व्याख्यान देने प्रश्नोत्तर करने के लिए इसका उपयोग होने लगा है।

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