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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2758
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति की विवेचना कीजिए।

उत्तर-

शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति को जानने के लिए शैक्षिक तकनीकी की परिभाषा अनेक विद्वानों ने दी है जो निम्न हैं-

(1) जैकोटा ब्लूमर (Jacquetta Blloomer) के अनुसार - "शैक्षिक तकनीकी को व्यवहारिक अधिगम की परिस्थितियों में वैज्ञानिक एवं तकनीकी ज्ञान का विनियोग कहा जाता है।"

(2) रार्बट ए. कॉक्स (Robert A. Cox) के अनुसार - "मानव की सीखने की परिस्थितियों में वैज्ञानिक प्रक्रिया के प्रयोग को शैक्षिक तकनीकी कहा जाता है।"

 (3) डीसीको (Deceeco) के अनुसार - "सीखने के मनोविज्ञान का व्यवहारिक शैक्षिक समस्याओं पर गहन विनियोग शैक्षिक तकनीकी है।"

(4) एस. एस. कुलकर्णी ( S. S. Kulkarni) के अनुसार - तकनीकी तथा विज्ञान के अविष्कारों तथा नियमों का शिक्षा की प्रक्रिया में प्रयोग को ही शैक्षिक तकनीकी कहा जाता है।"

शैक्षिक तकनीकी की ग्राह्य परिभाषाएँ

(1) जी. ओ. एम. लीथ (G.O.M. Leeth) के अनुसार - "शैक्षिक तकनीकी सीखने और सिखाने की दिशाओं में वैज्ञानिक ज्ञान का प्रयोग है, जिसके द्वारा शिक्षण एवं प्रशिक्षण की प्रक्रिया की प्रभावपूर्णता एवं दक्षता का विकास कर उसमें सुधार लाया जाता है।"

(2) शिव के. मित्रा के अनुसार (Shiv K. Mitra) - "शैक्षिक तकनीकी को उन पद्धतियों तथा प्रविधियों का विज्ञान माना जा सकता है जिनके द्वारा शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।"

शैक्षिक तकनीकी की कार्यात्मक परिभाषाएँ

ई.ई. होडेन (E. E. Hodden) के अनुसार - शैक्षिक तकनीकी की परिभाषा कार्यात्मक परिभाषा कही जाती है। इसमें शैक्षिक तकनीकी के सैद्धान्तिक तथा व्यवहारिक दोनों ही पक्षों को समावेशित किया गया है। हेडान के अनुसार शैक्षिक तकनीकी, शैक्षिक सिद्धान्त एवं व्यवहार की वह शाखा है जो मुख्यतः सूचनाओं के उपयोग एवं योजनाओं से सम्बन्धित होती है और सीखने की प्रक्रिया पर नियन्त्रण रखती है।

उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर हम निम्नांकित निष्कर्षों पर पहुँचते हैं-

1. विज्ञान, शैक्षिक तकनीकी का आधारभूत विषय है।

2. शैक्षिक तकनीकी, शिक्षा पर विज्ञान तक तकनीकी के प्रभाव का अध्ययन करती है।

3. शैक्षिक तकनीकी में व्यावहारिक पक्ष को महत्व दिया जाता है।
4. शैक्षिक तकनीकी निरन्तर विकासशील विषय है।
5. इसका उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया में विकास करना है।

6. यह मनोविज्ञान, इंजीनियरिंग आदि विज्ञानों से सहायता लेती है।

7. इसमें क्रमबद्ध उपागमों को प्रधानता दी जाती हैं।

8. इसमें शिक्षक, छात्र तथा तकनीकी प्रक्रियायें एक साथ समावेशित रहती हैं।

9. यह उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अधिगम परिस्थितियों में आवश्यक परिवर्तन लाने में समर्थ है।

10. शैक्षिक-तकनीकी शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक तथा तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप उपकरणों के निर्माण में सहायता प्रदान करती है।

उपर्युक्त परिभाषाओं तथा विशेषताओं के आधार पर यह स्पष्ट है कि शैक्षिक तकनीकी अति विस्तृत शब्द है। इसका तात्पर्य सम्पूर्ण शैक्षिक प्रक्रिया को योजनाबद्ध कर, कार्यान्वित करने में वैज्ञानिक सिद्धान्तों को प्रयोग में लाना है। डॉ. आनन्द (1996) के शब्दों में, इसमें वह बात शामिल है। जिसकी सहायता से शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है। शैक्षिक तकनीकी शिक्षण, प्रशिक्षण तथा शिक्षा की लगभग सभी महत्वपूर्ण क्रियाओं से सम्बन्धित है जैसे - अनुदेशात्मक उद्देश्यों को निर्धारित करना, अधिगम सम्बन्धी वातावरण की योजना बनाना, शिक्षण एवं अधिगम सामग्री तैयार करना, शिक्षण हेतु उपयुक्त युक्तियों तथा अधिगम के माध्यमों का चयन करना एवं शिक्षण तथा अधिगम प्रणालियों का मूल्यांकन करना इत्यादि।

एक समय था जब शैक्षिक तकनीकी का अर्थ केवल श्रव्य दृश्य साधनों के शिक्षण से समझा जाता था। आज के युग में शैक्षिक तकनीकी अत्यन्त विस्तृत धारणा युक्त हो गयी है। अब शैक्षिक तकनीकी की धारणा का प्रयोग उन सभी विधियों, प्राविधियों, व्यूह रचनाओं तथा यान्त्रिक उपकरणों की अभिव्यक्ति हेतु किया जाता है। जिनका प्रयोग शिक्षण एवं अधिगम की प्रभावशीलता में वृद्धि करने के लिए किया जाता है। शैक्षिक तकनीकी, शैक्षिक एंव शैक्षणिक प्रक्रियाओं को नियोजन करने, संगठित करने, अग्रस्तरित करने तथा उनके प्रभावों को भली-भाँति नियन्त्रित करने के लिए एक सुव्यवस्थित वैज्ञानिक प्रयास कहलाता है।

शैक्षिक तकनीकी की उपर्युक्त विवेचना के आधार पर परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है "शैक्षिक तकनीकी, विज्ञान पर आधारित एक ऐसा विषय है जिसका उद्देश्य शिक्षण तथा छात्रों के कार्य को निरन्तर सरल बनाना है। जिससे कि शिक्षा के ये तीनों अंग मिलकर भाँति-भाँति समायोजित रहें और अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में क्रमबद्ध उपागमों के माध्यम से समक्ष और समर्थ रहें। इस विषय के अन्तर्गत शिक्षा के अदा-प्रदा तथा प्रक्रिया तीनों ही पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।"

शैक्षिक तकनीकी की मान्यतायें

शैक्षिक तकनीकी निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है-

(1) प्रत्येक मानव, मशीन की भाँति कार्य करता है अतः शिक्षा के क्षेत्र में मानव व्यवहार में परिवर्तन तथा परिष्करण हेतु इसके वैज्ञानिक सिद्धान्तों का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा सकता है।

(2) शिक्षण कला एवं विज्ञान दोनों ही है अतः शिक्षण का विश्लेषण किया जा सकता है या शिक्षक को इसके छोटे-छोटे तथ्यों, तत्वों एवं अवयवों में विभाजित किया जा सकता है फिर बाद में इन तथ्यों, तत्वों तथा अवयवों का भी गहन प्रेक्षण, निरीक्षण तथा अध्ययन सम्भव है। अतः शैक्षिक तकनीकी, वैज्ञानिक उपागमों पर आधारित है।

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