बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर-
कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन की प्रक्रिया
(Process of Computer Assisted Instruction)
कम्प्यूटर की प्रक्रिया हार्डवेयर और सोफ्टवेयर पर आधारित होती है। इस प्रक्रिया में कम्प्यूटर द्वारा स्क्रीन पर जो अनुदेशन प्रस्तुत किया जाता है, उसके बाद छात्र को अपनी अनुक्रिया करने का अवसर प्राप्त होता है। अनुक्रिया हेतु छात्रों के पास एयरफोन व माइक्रोफोन भी उपलब्ध रहते हैं तथा वह पैन अथवा पैन्सिल से स्क्रीन पर प्रदर्शित विकल्पात्मक उत्तरों को छूकर या माइक्रोफोन में बोलकर अपनी अनुक्रिया करता है, एयरफोन व कम्प्यूटर के आधार पर छात्र व कम्प्यूटर में निरन्तर सम्प्रेषण व अन्तःक्रिया होती है, प्राथमिक स्तर के बालकों को वर्ण एवं शब्दों की पहचान कराकर सिखाया जाता है। इसके लिये, कम्प्यूटर से जुड़े प्रोजेक्टर द्वारा, पर्दे पर छात्रों को विभिन्न वर्ण दिखाए जाते हैं तथा कम्प्यूटर छात्रों को वर्णों की पहचान प्रक्रिया के सम्बन्ध में निर्देश देने के पश्चात् यह पूछा जाता है कि पर्दे पर प्रदर्शित, विभिन्न वर्णों में अ, आ अथवा इ आदि वर्ण कौन-सा है। छात्र माइक्रोफोन में बोलकर अपना उत्तर, कम्प्यूटर को प्रेषित करता है तथा इसके उपरान्त पर्दे पर सही उत्तर प्रदर्शित हो जाता है। उत्तर सही होने पर कम्प्यूटर द्वारा छात्र की सराहना की जाती है अन्यथा उसकी त्रुटि बताई जाती है। इसके अतिरिक्त छात्रों द्वारा दिए गए सही एवं गलत उत्तरों का आलेख भी इस यन्त्र के द्वारा ही तैयार होता रहता है। कम्प्यूटर द्वारा, छात्रों में सरल कौशल का विकास करने के उपरान्त क्रमशः जटिल कौशलों का विकास किया जाता है। इसके लिए सूचनाओं को गहन स्तर पर व्यवस्थित किया जाता है तथा आवश्यकता होने पर उन सूचनाओं में, संशोधन करके उन्हें पुनर्व्यवस्थित कर लिया जाता है। यह यन्त्र छात्रों को उनकी उपलब्धि एवं त्रुटियों की मात्रात्मक जानकारी प्रदान करने में कोई त्रुटि नहीं करता तथा इस सम्बन्ध में छात्रों की जिज्ञासा का समाधान तुरन्त करता है।
कठिनाई होने पर इसकी जानकारी भी कम्प्यूटर के द्वारा अध्यापक को प्रदान की जाती है, जिससे उस छात्र की कठिनाइयों का अध्यापक के द्वारा समाधान किया जा सके। परन्तु कम्प्यूटर द्वारा अनुदेशन में, यदि अधिकांश छात्रों को कठिनाई अनुभूत होती है तो सम्पूर्ण अधिक्रम में पुन: सुधार कर लिया जाता है।
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