बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रणाली उपागम से आप क्या समझते हैं? प्रणाली उपागमों के सोपानों का संक्षिप्त रूप से वर्णन कीजिए। "शिक्षा के क्षेत्र में प्रणाली उपागम एक अमूल्य वरदान है" इस कथन की समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
प्रणाली विश्लेषण
(System Analysis)
इसके अन्तर्गत प्रणाली की आवश्यकताओं, साधनों, तत्वों, कार्यों तथा प्रक्रियाओं का विश्लेषण किया जाता है। यह विश्लेषण अदा, प्रक्रिया, प्रदा तथा परिवेश के सन्दर्भ में किया जाता है, इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं जैसे कि-
1. प्रणाली के उद्देश्यों का निर्धारण एवं परिभाषीकरण करना।
2. आवश्यकताओं तथा तथ्यों के माध्यम से प्रणाली के प्रत्येक अंग की कार्यविधि को विश्लेषित करना।
परिवेश के अनुसार इसका विश्लेषण किया जाता है।
प्रणाली संरचना
(Structure of System)
यह संश्लेषण की अवस्था है जिसके अन्तर्गत प्रणाली को संश्लेषित करते समय लक्ष्य को सामने रखते हैं, इसमें तीन प्रमुख प्रक्रियाएँ निहित हैं-
1. प्रणाली के लक्ष्य तथा उद्देश्य को निर्धारित करना।
2. समुचित विधियों, व्यूह रचनाओं तथा युक्तियों का चयन करना।
3. प्रणाली के उद्देश्यों तथा विभिन्न तत्वों से सम्बन्धित प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए एक व्यापक अभिक्रम का निर्माण करना, इसके अन्तर्गत अदा, प्रदा तथा प्रक्रिया एवं प्रणाली के परिवेश का समावेश तथा स्पष्टीकरण करना सम्मिलित है।
प्रणाली संरचना तथा मूल्यांकन
(System Operation and Evaluation)
इस पद में प्रणाली की संरचना अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में सक्षम है अथवा नहीं, इसका निर्धारण किया जाता है। इस प्रणाली की प्रमाणिकता तथा उपादेयता जानी जाती है। इसे प्रणाली का Formative मूल्यांकन कहते हैं। इसके अनुसार पृष्ठपोषण के माध्यम से आवश्यक परिवर्तन किया जाता है, जिससे प्रणाली सक्षम बन जाती है, यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तव उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उसमें सुधार की सम्भावना रहती है।
प्रणाली मॉनीटरिंग
(Monitoring System)
इसके अन्तर्गत क्रियान्वित की जाने वाली विधि का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है तथा उपयोगिता की जाँच की जाती है।

शिक्षा में प्रणाली उपागम के लाभ / उपयोग
(Use/Advantage of System Approach in Education)
शिक्षा में प्रणाली उपागम के उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. प्रभावी योजना बनाने के लिए - प्रणाली उपागम शिक्षा को प्रभावशाली योजनाएं बनाने के लिए दिशा-निर्देश देता है और यह भी निर्देश देता है कि कैसे शैक्षिक एवं व्यवहारिक उद्देश्यों की पहचान कर योजना का निर्धारण किया जाए तथा कौन-कौन सी मूल्यांकन विधि का प्रयोग किया जाए।
प्रणाली उपागम योजना को लचीली बनाने, सुधार लाने तथा प्रभावशाली बनाने में काफी हद तक वरदान सिद्ध हो रहा है।
2. उत्तम नियंत्रण तथा समन्वय - अनुदेशात्मक प्रक्रिया के विभिन्न घटकों को नियंत्रित करके उनके कार्यों को प्रणाली उपागम द्वारा इस प्रकार से समन्वित किया जाता है कि अनुदेशन के उद्देश्यों की प्राप्ति का स्तर बढ़ाया जा सके, शिक्षा के क्षेत्र में नियंत्रण तथा समन्वय की वृद्धि करके शिक्षा की प्रणाली को प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
3. स्त्रोतों का अधिकतम उपयोग - इसके अन्तर्गत सभी कार्यों का अलग-अलग निर्धारण किया जाता है। सभी स्रोतों के विषय में चाहे वह विद्यालय हो या फिर स्थानीय समाज की जानकारी एकत्रित की जाती है, और फिर उन्हें कैसे, कहाँ और किस प्रकरण के लिए उपयोग में लाया जाय, इसका निर्धारण किया जाता है। प्रणाली उपागम का प्रयोग योजना बनाकर स्रोतों का अधिकतम उपयोग किया जाता है।
4. गुणवत्ता पर नियंत्रण - शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास करना एक चुनौती है, ऐसा देखा गया है कि शिक्षा के निजीकरण के साथ शैक्षिक संस्थाओं की संख्या में वृद्धि हुई है परन्तु उसकी गुणवत्ता में ह्रास हुआ है। शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में प्रणाली उपागम वरदान है।
5. प्रणाली उपागम दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में अत्यन्त शक्तिशाली साधन है।
6. इसके अन्तर्गत शैक्षिक प्रशासन, शैक्षिक व्यवस्था तथा शैक्षिक अनुदेशन को प्रभावशाली बनाने में काफी मदद मिलती है।
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