बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- टूर की लागत से आपका क्या आशय है? टूर पैकेज में शामिल विभिन्न प्रकार की लागतें कौन-सी हैं?
उत्तर-
लागत का अर्थ एवं प्रकार
लागत मुख्य और अन्य सेवाएँ खरीदने हेतु किया गया कुल व्यय है। लागत व्यय की वह राशि है जो सेवाएँ खरीदने हेतु वास्तविक या सांकेतिक हो सकती है। लागत में कुछ अप्रत्याशित निर्मुक्त मूल्यों के साथ पूंजी और राजस्व का वितरण शामिल नहीं होता। प्रबंधकीय निर्णय लेने हेतु निर्मुक्त मूल्य या आर्थिक संसाधनों का अधिग्रहण लागत कहलाती है। लागत की संकल्पना का मापन मौद्रिक संदर्भ में मूल्य संवर्धन हेतु प्रयुक्त संसाधनों की राशि से किया जाता है। यही नहीं, लागत परिसंपत्तियों के अर्जन और आउटपुट के उत्पादन हेतु प्रयुक्त संसाधनों का मौद्रिक मूल्य है। वित्तीय संदर्भ में, बिजनेस फर्मों के उद्देश्य की पूर्ति हेतु लागत प्रदर्शित की जाती है। टूर ऑपरेशन के बिजनेस में टूर होलसेलर लागत को नियंत्रित करने और आउटपुट को बढ़ाने के लिए अपनी पूर्ण जानकारी और कौशलों का उपयोग करता है। टूर ऑपरेटर होटल के कमरों, एयरलाइन्स, क्रूज लाइन सीटों, रेलवे सीटों और बस सीटों की बुकिंग तथा अन्य प्राथमिक सेवाओं की लागत वहन करते हैं।
टूर के लागत निर्धारण की संकल्पना
टूर की लागत पैकेज टूर के विभिन्न घटकों की या उनके कारण होने वाली कुल लागत है। सेवाओं की बुकिंग पर होने वाली लागत की राशि से एफआईटी और जीआईटी टूर पैकेज डिजाइन किए जाते हैं। वैसे ही पैकेज टूर की प्राथमिक सेवाएँ टूर ऑपरेटर द्वारा नहीं दी जाती है और वह एकोमोडेशन और ट्रांसपोर्ट कंपनियों से बड़ी मात्रा में एक साथ सेवाएँ लेता है। लेकिन पैकेज टूर की लागत का निर्धारण ग्राहक की रुचि और प्राथमिकता तथा बिजनेस की कार्यनीति के आधार पर होता है ताकि टूर पैकेजों की अधिक से अधिक बिक्री की जा सके। टूर मैनेजर सरलता से अस्थायी और स्थायी लागत का पता लगा लेते हैं और उपयुक्त निर्णय लेते हैं। लागत निर्धारण की विधि प्रत्येक टूर ऑपरेटिंग कंपनी में अलग-अलग होती है और यह उनकी क्षमताओं और कौशल तथा कंपनी की बिजनेस की कार्यनीति पर निर्भर करती है।
टूर के लागत निर्धारण की एक मुख्य संकल्पना ब्रेक इवन (न लाभ होना और न हानि होना) विश्लेषण है। यह पैकेज टूर की बिक्री से प्राप्त होने वाला कुल राजस्व है और यह सेवाएँ प्राप्त करने हेतु किए गए कुल व्यय के बराबर होना चाहिए। वैकल्पिक मूल्यन स्तरों का मूल्यांकन करने के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है। अतः ब्रेक इवन बिक्री की राशि कुल निर्धारित लागत और कुल अस्थायी लागतों के जोड़ को पैकेज मूल्य से विभाजित कर प्राप्त की जा सकती है।
लागत के प्रकार
अन्य विनिर्माण बिजनेसों की तरह ही टूर ऑपरेशन बिजनेस की लागत दो प्रकार की होती है। एक अस्थायी लागत जो उत्पादन में भिन्नता के साथ-साथ बदलती रहती है और दूसरी स्थायी लागत जो अल्पावधि में बदलती तो है लेकिन इसमें भिन्नता दीर्घ काल में आती है क्योंकि दीर्घावधि में प्रत्येक लागत अस्थायी होती है। टूर ऑपरेशन सामान्यतया ओवर हेड / मार्केटिंग लागत के साथ अस्थायी और स्थायी लागत भी निकाल लेते हैं। पैकेज टूर में यात्रियों की संख्या के अनुसार अस्थायी लागत बदल जाती है। अस्थायी लागत वाली सेवाओं में भोजन, ठहरने का स्थान, प्रवेश शुल्क और प्रति व्यक्ति की दर से ली जाने वाली अन्य लागत शामिल है। इसमें प्रत्येक पैकेज की बिक्री के साथ कमरों, टिकट और पैकेज के अन्य घटकों पर होने वाला वास्तविक व्यय शामिल है।
स्थायी लागत तब बदलती है जब कुछ समय बाद सीजन के दौरान पैकेजों की बिक्री बढ़ती है। पैकेज टूर के लिए अस्थायी सेवाएँ लेने से पूर्व स्थायी लागत व्यय होती है। इस लागत में अक्सर विज्ञापन, पैम्फ्लेट्स, ब्रोशर्स, वेतन, ऋण पर ब्याज और अग्रिम शामिल होता है। स्थायी लागत के अंतर्गत बसें किराए पर लेना तथा गाइड और भाषांतरकारों की सेवाएँ लेना भी शामिल होता है। पैकेज टूर में अस्थायी और स्थायी लागत के भाग के रूप में ओवरहेड और मार्केटिंग लागत भी शामिल होती है। अतः, पैकेज टूर में स्थायी, अस्थायी और ओवरहेड लागत में 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत की भिन्नता होती है। टूर ऑपरेशन कंपनियाँ इन सभी लागतों को ध्यान में रखते हुए सामान्यतया एक वैयक्तिक टूर पैकेज में 10-15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि (मार्क-अप) जोड़ देती हैं।
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