बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सतत् पर्यटन की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
(Sustainable Tourism)
सतत् पर्यटन, पर्यटन का वह रूप है जिसका अधिक उत्तरदायित्व के साथ उपयोग किया जा सकता है। यह एकमात्र विकल्प है जिसके द्वारा नकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सकता है। यह स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक लाभ का अवसर प्रदान करता है और मेजबान समुदायों के कल्याण में वृद्धि करता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2017 को “विकास के लिए सतत् पर्यटन का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष” घोषित किया है। इस संदर्भ में, यह पहले ही परिलक्षित हो सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और राष्ट्र राज्य 2030 एजेंडे को कितनी गंभीरतापूर्वक ले रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम (India's recent steps in promotion of tourism)।
रोजगार और आर्थिक विकास के संदर्भ में पर्यटन के योगदान की बढ़ती स्वीकृति, उन्नत अवसंरचना की उपलब्धता, फोकस्ड मार्केटिंग और प्रोत्साहन संबंधी प्रयास, हवाई परिवहन का उदारीकरण, ऑनलाइन यात्रा पोर्टलों में वृद्धि, बढ़ते अंतर-क्षेत्रीय सहयोग और अधिक प्रभावी सार्वजनिक निजी भागदारी को आने वाले दशकों में पर्यटन हेतु महत्वपूर्ण घटक के रूप में देखा जाता है। हाल ही में, विश्व आर्थिक मंच की यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक (ICI) में भारत को शीर्ष 50 पर्यटक देशों (रैक 40/166) में स्थान प्राप्त हुआ है। शीर्ष 50 देशों में इसके द्वारा दर्शाया गया सर्वाधिक सुधार का तथ्य भारत में पर्यटन की बढ़ती संभावना का साक्ष्य है।
पर्यटन और आतिथ्य (hospitality) में लागू नियमों और कानूनों के अधीन स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति है। पर्यटन मंत्रालय के योजनागत बजट के आधे से अधिक भाग का आवंटन गंतव्यों (destinations), सर्किट्स, मेगा परियोजनाओं के साथ-साथ ग्रामीण पर्यटन अवसंरचना परियोजनाओं के विकास के वित्त पोषण हेतु किया गया है। 2013-14 में अपने कुल वार्षिक योजनागत व्यय का 10% और 2.5%, क्रमशः पूर्वोत्तर क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं के लिए दिया गया था।
'वीजा ऑन अराइवल' सुविधा की उपलब्धता किसी भी देश के पर्यटकों की यात्रा योजनाओं को अत्यधिक प्रभावित करती है। वर्ष 2013 में कुल 20,294 'वीजा ऑन अराइवल' जारी किए गए, जो वर्ष 2012 की इसी अवधि में 16,084 की तुलना में 26% की वृद्धि के बराबर है। भारत सरकार द्वारा 'अतुल्य भारत' और 'अतिथि देवो भवः' जैसी कई ब्रांडिंग और विपणन पहलों का शुभारंभ किया गया जो विकास केंद्रित प्रोत्साहन प्रदान करती हैं।
हाल ही में, भारत सरकार ने भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीजा की एक नई श्रेणी-चिकित्सा वीजा या M वीजा जारी की है। "धरोहर गोद लें योजना" इस परियोजना के तहत निजी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और कॉरपोरेट जगत के व्यक्तियों को विरासत स्थलों को गोद लेने और संरक्षण तथा विकास के माध्यम से स्मारकों और पर्यटन स्थलों को उन्नत बनाने हेतु आमंत्रित किया जाता है। वे 'स्मारक मित्र' बनेंगे और इन स्थलों को गोद लेंगे। उनके द्वारा पर्यटक स्थलों पर आधारभूत और उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। उनके द्वारा इनका संचालन और इनकी देखभाल भी की जाएगी।
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