बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यटन उद्योग से क्या आशय है? एक उद्योग के रूप में पर्यटन के महत्व की चर्चा कीजिये।
उत्तर-
पर्यटन उद्योग
पर्यटन शब्द से तात्पर्य यात्रियों की उन गतिविधियों से है, जो अपने सामान्य निवास या काम के परिवेश से बाहर किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थल पर केवल अपने खाली / अवकाश के समय को व्यतीत करने के लिए अथवा व्यवसायिक या किसी अन्य उद्देश्य से एक वर्ष से कम अवधि के लिए यात्रा करते हैं। वे अपने गंतव्य स्थान पर जाकर धन कमाने या मानदेय प्राप्ति के लिए कोई भी कार्य नहीं करते। पर्यटन को विश्व में तेज गति से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक माना जाता है, परंतु यह व्यवस्थित उद्योग नहीं है, क्योंकि इसमें औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्र शामिल हैं। यह एक बिखरे हुए उद्योगों में से एक है, परंतु किसी उद्योग को चलाने के लिए कुछ अपेक्षाओं को पूरा करना पड़ता है। उत्पाद को उपयोगी रूप में लाने के लिए तथा चलाने के लिए समुचित जगह, पूँजी और आधारभूत ढाँचे की आवश्यकता होती है, इसलिए एक कार्य बल (वर्कफोर्स) का होना अनिवार्य है। आखिर में जब कोई उत्पाद, उद्योग से निर्मित होकर बाहर आता है तो इसके उपभोग के लिए एक बाजार का होना आवश्यक होता है। उद्योग की शर्तों को पूरा करने के लिए इन सबका होना आवश्यक है। लेकिन पर्यटन एक अलग प्रकार का उद्योग है। विश्व की अनेक सरकारों की नीतियों में इसे एक उद्योग माना जाता है।
उद्योग के रूप में पर्यटन का महत्व
पर्यटन, विश्व में सबसे अधिक श्रमिकों वाले उद्योगों में से एक है। पूरे विश्व में यह अनगिनत लोगों को रोजगार देने वाला उद्योग है। इसे एक उद्योग समझा जाता है, परंतु यह अर्थव्यवस्था के अधीन तृतीय क्षेत्र (टर्शियरी सेक्टर) में आता है। पारंपरिक दृष्टि से कहें तो किसी भी उद्योग में कच्चे माल को तैयार माल में बदला जाता है और उस निर्मित माल को प्रयोग के लिए और अधिक उपयोगी बनाया जाता है, परंतु पर्यटन उद्योग में कच्चे माल और तैयार उत्पाद में अन्तर चिह्नित नहीं हो सकता और न ही तैयार माल स्पष्ट दिखाई देता है। किसी मुद्दे पर हम यह कह सकते हैं कि पर्यटन उद्योग के लिए किया गया निवेश (इनपुट) पर्यटकों द्वारा प्रयोग किए जाने वाला तैयार उत्पाद हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक टूरिस्ट गाइड इस उद्योग को चलाने वाला कार्यबल होता है। वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं और गंतव्य स्थानों के संबंध में विस्तार से वर्णन करते हैं। पर्यटकों के लिए यह जानकारी बहुत सहायक हो सकती है, लेकिन जब उसी गाइड को उसके द्वारा की गई सेवाओं के लिए पर्यटकों द्वारा भुगतान किया जाता है, तो वे पर्यटन उद्योग के लिए तैयार उत्पाद का रूप ले लेते हैं।
यह किसी क्षेत्र के सामाजिक -आर्थिक विकास के लिए बहुत आवश्यक साधन है। यह क्षेत्र के स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार प्रदान करके वहाँ की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। पर्यटन के विकास में बहुत लोग शामिल होते हैं। ये लोग औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र से हो सकते हैं। साथ ही अनौपचारिक क्षेत्र से भी हो सकते हैं।
पर्यटन, होटल उद्योग में उच्च योग्यता प्राप्त विशेषज्ञों, सूचना-प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्रा, बड़े और मध्यम परिवहन, गाईड्स, टिकट बेचने वालों, होटल बुक करने वालों, खाद्य और पेय क्षेत्र इत्यादि के लोगों के साथ-साथ फेरी वालों, रिक्शावालों, ऑटो और टैक्सी चालकों को भी अवसर प्रदान करता है। सही अर्थों में यह पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने वाले उद्योग के रूप में अधिक-से-अधिक लोगों को शामिल करने वाला सेवा उद्योग है। लोगों को आजीविका प्रदान करके यह अनेक सामाजिक-आर्थिक समस्याओं, जैसे- गरीबी, अल्प विकास और सामाजिक भेद-भाव को दूर करने में सक्षम है।
पर्यटन ऐसा माध्यम भी है जिसके द्वारा वैश्विक और क्षेत्रीय सामाजिक-राजनीतिक समरसता को स्थापित किया जा सकता है। सामाजिक-आर्थिक अवसर पैदा करना तथा अमीर और गरीब के बीच दूरी को कम करने में सहयोग देना अब बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। पर्यटन की पैरवी करने वाले इसको शान्ति उद्योग मानते हैं, जो विश्व शान्ति प्रक्रिया के माध्यम से सन्तुलन स्थापित करता है। अतः उत्तरदायी और दीर्घजीवी तरीके से विकसित और प्रचलित पर्यटन, पर्यटक स्थलों पर शान्ति और खुशहाली लेकर आएगा और क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर यह भौगोलिक-राजनीतिक स्थायित्व लाएगा।
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