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बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2754
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

सामान्यतः उद्यमी का अर्थ जोखिम उठाने वाला, प्रवर्तक, उपक्रम की स्थापना करने वाला, स्वामी एवं प्रबन्धक, संगठनकर्ता से लगाया जाता रहा है, परन्तु आधुनिक युग में उद्यमी को एक नव प्रवर्तनकर्ता तथा उद्योग एवं व्यावसायिक जगत का आर्थिक अगुआ कहा जाता है।

उद्यमी व्यक्तियों का स्वभाव स्वतन्त्र प्रकृति का होता है।

उद्यमी प्रत्येक कार्य को अपने ढंग से करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।

उद्यमी के अन्दर सदैव एक 'सृजनात्मक असंतोष छिपा रहता है।

आर. टी. इली के अनुसार "उद्यमी वह व्यक्ति है जो उत्पादक घटक को संगठित करता है।

बड़े उपक्रमों में उद्यमी एवं प्रबन्धक अलग-अलग होते हैं।

उद्यमियों के लिए उनका कार्य ही अपने आप में लक्ष्य एवं संतुष्टि का बड़ा स्रोत है।

उद्यमी व्यक्तियों का दृष्टिकोण सदैव आशावादी होता है।

विकासोन्मुख देशों में उद्यमी को एक प्रवर्तक संगठनकर्ता एवं समन्वयकर्ता के रूप में देखा गया है।

उद्यमी स्वयं में एक संस्था है, क्योंकि यह विभिन्न संस्थाओं को जन्म देता है।

व्यक्तिगत योग्यता व्यवसाय के संचालन में अतिविशिष्ट घटक है। व्यवसाय का आकार छोटा हो या बड़ा व्यक्ति की योग्यता के द्वारा ही उसकी विफलता एवं सफलता की खाई को भरा जा सकता है।

प्राचीन समय की यह मान्यता थी कि 'उद्यमी बनाए नहीं जाते हैं बल्कि जन्म लेते हैं' वर्तमान में यह मान्यता गलत सिद्ध हो चुकी है।

सफल उद्यमी भी मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक गुणों तथा योग्यताओं से व्यवसाय व उद्योग में उच्च उपलब्धियों को प्राप्त कर सकता है।

शोषक उद्यमी केवल स्वयं के हित में कार्य करता है यह समाज के प्रति पूर्णतः उदासीन होता है।

वह उद्यमी जो किसी प्रकार के यन्त्र, मशीनों आदि का निर्माण करने वाली फर्मों का संचालन करते हैं, कार्यशक्ति निर्माता उद्यमी कहे जाते हैं जैसे कम्प्यूटर, अभियान्त्रिकी, यन्त्रशाला आदि।

प्रारूप प्रबर्धक उद्यमी उत्पादन की विभिन्न तकनीकों के आधार पर वस्तुओं के गुण, आकार आदि में परिवर्तन करते हैं।

प्राथमिक प्रवर्तक उद्यमी विकास की प्रतिक्रिया को प्रभावी बनाने हेतु सदैव प्रयत्नशील रहता है।

नकलची उद्यमी वह उद्यमी होते हैं जो स्वयं कोई अनुसंधान व खोज नहीं करते हैं। बल्कि यह सफल उद्यमी द्वारा किए गए सफल प्रयोगों को अपने व्यवसाय में अपनाकर लाभ अर्जित करते हैं।

आदर्श उद्यमी स्वयं के हित के साथ-साथ सामाजिक हित पर भी ध्यान देते हैं।

उद्यमी सदैव कुछ असंभव प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं तथा समाज में अलग पहचान बनाना चाहते हैं।

वर्तमान युग में उद्यमी समाज के संसाधनों के प्रन्यासी होते हैं। 

दबावपूर्ण उद्यमी सरकार द्वारा उद्यमीय विकास की नीति से प्रेरित होकर उद्यमिता स्वीकार करते हैं।

कूण्ट्ज एवं ओ' डोनेल नेतृत्व को एक अतिरिक्त उत्तेजना के रूप में मानते हैं जो कर्मचारियों की सामान्य काम करने की गति में कुछ अधिक वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उद्यमी को जोखिम वहन करने के लिए समस्याओं का अनुमान लगाकर उनका निवारण कर, सफलता प्राप्त करने के लिए निरन्तर प्रायास करते रहना चाहिए, क्योंकि सफलता प्राप्त करना व जोखिम वहन करना एक दूसरे के पूरक हैं।

उद्यमी में नियोजन शक्ति का होना आवश्यक है। इसी के द्वारा वह संगठन में उचित व्यवस्था का निर्माण कर सकता है।

निर्णयन वैकल्पिक कार्य मार्गों का सचेतन रूप से चुनाव करने की प्रक्रिया है।

निर्णयन की प्रक्रिया का अन्तिम परिणाम 'निर्णय' है।

पूँजी संचय करने वाले उद्यमी पूँजी संचय करने वाले कार्य जैसे कि बैंकिंग, व्यवसाय, बीमा कम्पनी आदि में संलग्न होते हैं।

आलसी उद्यमी परम्परागत विचारधारा वाले होते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ कमाना नहीं बल्कि व्यवसाय को चलाते रहना है।

पहलकर्ता उद्यमी नव प्रवर्तनों के उद्देश्य से अर्थव्यवस्था में प्रवेश करता है एवं विकास की गति को बल प्रदान करता है।

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