लोगों की राय

बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे

बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2752
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

पूँजी सम्पत्ति के विक्रय या हस्तान्तरण पर होने वाला लाभ पूँजी लाभ कहलाता है।

पूँजी सम्पत्ति दो प्रकार की होती हैं (अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन)

निम्न को पूँजी सम्पत्ति में शामिल करते हैं-

भवन
मशीन
फर्नीचर
आभूषण
ख्याति
अंश
प्रतिभूतियाँ
मार्गों के परमिट
अनुज्ञा- पत्र
पट्टाधारी के अधिकार आदि।

निम्नलिखित को पूँजी सम्पत्तियों में शामिल नहीं करते हैं-

कच्चा माल, रहतियां
निजी प्रयोग की वस्तयें जैसे- घरेलू मोटर, घरेलू फर्नीचर, घरेलू बर्तेन, आदि।
स्वर्ण बॉण्डस
विशेष वाहक बॉण्ड्स 1991।
भारत में स्थित नगरपालिका सीमाओं के बाहर कृषि भूमि।
U564 के यूनिट्स पर पूँजी लाभ कर योग्य नहीं है।

36 माह से कम (अंशों दशा में 12 माह से कम) समय में बेची गयी सम्पत्तियों पर अल्पकालीन पूँजी लाभ होगा।

जो सम्पत्ति 36 माह या उसे अधिक समय के बाद बेची जाती है उस पर दीर्घकालीन पूँजी लाभ होता है। अंशों की दशा में यह अवधि 12 माह या इससे अधिक है।

यदि 1981-82 से पहले सम्पत्ति के सुधार पर कोई व्यय किये गये हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।

यदि फर्नीचर के साथ घरेलू शब्द का प्रयोग किया गया है तब उसे निजी सम्पत्ति मानते हैं।

यदि मोटरकार कार्यालय या व्यवसाय में प्रयोग होती तो पूँजी लाभ कर योग्य होगा किन्तु इसकी सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करेंगें। केवल लागत को घटा दिया जायेगा।

यदि उचित मूल्य से पहले सम्पत्ति के सुधार पर कोई व्यय किया गया है तो ऐसे व्ययों को छोड़ दिया जाता है।

यदि सम्पत्ति पर एक से अधिक व्यक्तियों ने सुधार पर व्यय किये हैं तो दोनों व्यक्तियों के द्वारा किये गये व्ययों की सूचकांक लागत ज्ञात की जायेगी किन्तु ये व्यय 1981-82 के बाद होने वाले चाहिये तथा इनके बाद सम्पत्ति के उचित बाजार मूल्य नहीं होना चाहिये।

यदि कोई सम्पत्ति उपहार में मिली हो तो उपहार या वसीयत जिस वर्ष में मिली है उस वर्ष के अनुसार सूचकांक लागत ज्ञात करेंगे। धारा 49 (1)

यदि उपहार वाले दिन ही सम्पत्ति का उचित बाजार मूल्य को छोड़ देना चाहिये।

यदि उचित बाजार मूल्य भी दिया गया है और इसके बाद सुधार के व्यय भी दिये हों तो ऐसे सुधार के व्यय जिस वर्ष हुए हैं उसी वर्ष के अनुसार उसकी सूचकांक लागत ज्ञात की जायेगी।

यदि प्रश्न में दो बार उचित बाजार मूल्य दिया है तो अधिक वाला उचित मूल्य को लेकर हल करेगें।

यदि सम्पत्ति को 1981-82 या उससे पहले खरीदा गया है तो सूचकांक 100 का प्रयोग करें।

आभूषण या जेवर जो सोने-चाँदी से बने हों उनकी सूचकांक लागत निकालते हैं।

यदि कृषि भूमि नगरपालिका की सीमाओं के बाहर है तो पूँजी लाभ कर मुक्त होगा।

बाण्डों तथा ऋणपत्रों की सूचकांक लागत की जाती है।

अनिवासी व्यक्ति की दशा में अंश तथा ऋणपत्रों के हस्तान्तरण पर सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करते हैं।

वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिये सूचकांक 1024 है।

प्रतिभूति लेन-देन कर को विक्रय व्यय नहीं माना जाता है।

अनिवासी व्यक्ति की दशा में विदेशी मुद्रा में प्राप्त अंश या ऋणपत्र जिन्हें भारतीय कम्पनी में परिवर्तित किया गया है।

निवासी व्यक्ति की दशा में विदेशी मुद्रा में खरीदी गई विश्वव्यापी जमा रसीदें पर सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करते हैं।

मंदी विक्रय की दशा में हस्तान्तरित उपक्रम पर सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करते हैं।

ऑफ शोर फण्ड की दशा में विदेशी मुद्रा में क्रय किये यूनिट्स पर सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करते हैं।

विदेशी संस्थागत निवेशक करदाता की दशा में क्रय प्रतिभूतियों पर सूचकांक लागत ज्ञात नहीं करते हैं।

 

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book