बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखेसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 8 - पूँजी लाभ
(Capital Gain)
आयकर अधिनियम 1961 के अर्न्तगत 'पूँजी लाभ' आय का चौथा शीर्षक है। अध्याय का संक्षिप्त परिचय इस शीर्षक के अन्तर्गत वर्ष में पूँजी सम्पत्ति की बिक्री या हस्तान्तरण से प्राप्त होने वाली आय कर योग्य होती है। पूँजी लाभ से सम्बन्धित आय-कर प्रावधानों का उल्लेख आय-कर अधिनियम की धारा 45 से धारा 55 के अन्तर्गत किया गया है। आयकर अधिनियम की धारा 45 (1) के अनुसार किसी पूँजी सम्पत्ति के हस्तान्तरण से होने वाला लाभ पूँजी लाभ कहलाता है। पूँजी लाभ उस गतवर्ष की आय माना जाता है। जिस गतवर्ष में पूँजी सम्पत्ति का हस्तान्तरण किया गया है। पूँजीलाभ का विवेचन पूँजी सम्पत्तियों तथ हस्तांतरण की परिभाषा से शुरू होता है तथा उन विभिन्न परिस्थितियों का उल्लेख करता है जिनमें पूँजी लाभों पर कर लगाया जाता है। उसे अनेक लेनदेन होते हैं जिनको पूँजी लाभों के उद्देश्य हेतु हस्तांतरण नहीं माना जाता है। पूँजी लाभों की गणना हेतु लागत, मुद्रास्फीति सूचकांक की जानकारी आवश्यक हो जाती है। ह्रसमान सम्पत्तियों के सम्बन्ध में पूँजीलाभों की पृथक गणना होती है । उनके परिस्थितियों में पूँजीलाभों से कर छूट होती है। सम्पत्ति हस्तान्तरण अधिनियम 1882 की धारा 53-A के अन्तर्गत हुई अनुबन्ध के आंशिक निष्पादन के अन्तर्गत किसी अचल सम्पत्ति पर कब्जा मिल जाने अथवा कब्जा बनाये रखने से सम्बन्धित व्यवहार या कोई व्यवहार जिसका अचल सम्पत्ति का हस्तान्तरण अथवा उसका प्रयोग करना सम्भव हो को हस्तान्तरण माना जाता है।
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