बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखेसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
आय कर अधिनियम की धारा 2 (13) के अनुसार - व्यवसाय में 'कोई व्यापार' वाणिज्य, निर्माण या अन्य कोई साहसिक कार्य जो व्यापार, वाणिज्य अथवा निर्माण की प्रकृति का हो, शामिल किया जाता है।"
आयकर अधिनियम की धारा 2 (36) के अनुसार - पेशे में धन्धे भी शामिल हैं। पेशे से आशय उन कार्यों से है जहाँ बौद्धिक अथवा शारीरिक योग्यता की विशेष आवश्यकता रहती है जो कि अध्ययन और अनुभव पर आधारित होती है, जैसे - वकील, इंजीनियर, डॉक्टर, सर्जन चार्टर्ड एकाउन्टेट आदि।
धन्धे से तात्पर्य व्यक्ति की किसी विशेष कार्य को करने की योग्यता से है, जो जीविकोपार्जन के लिए की जाती है, जैसे - संगीत, नृत्य आदि।
यदि कोई करदाता अपने मकानों को किराये पर उठाकर प्राप्त आय को अपनी जीविकोपार्जन का साधन बनाता है तो यह क्रिया उसकी व्यावसायिक क्रिया होगी, किन्तु यह आय 'मकान- सम्पत्ति से आय' शीर्षक में कर योग्य होगी।
किसी करदाता द्वारा किसी कम्पनी के अंशों पर प्राप्त लाभांश 'अन्य साधनों से आय' शीर्षक में करयोग्य होगा व्यवसाय अथवा पेशे के लाभ शीर्षक के अन्तर्गत नहीं।
किसी करदाता द्वारा अन्य व्यक्ति को एक दिन में एक या एक से अधिक बार भुगतान करना होता है और ऐसा भुगतान एक दिन में एक बार या अनेक बार में कुल मिलाकर 20,000 से अधिक हो या यातायात संचालक की दशा में 35,000 से अधिक है और एकाउण्ट फेई (रेखांकित) चैक अथवा बैंक ड्राफ्ट द्वारा न किया जाकर नकद अथवा वाहक चैक द्वारा किया गया है तो ऐसे सम्पूर्ण भुगतानों / व्ययों की सम्पूर्ण की सम्पूर्ण रकम (100% भाग) अस्वीकृत व्यय होगी।
एक दिन में एक बार या कई बार कुल मिलाकर जब 20,000 से अधिक भुगतान नकदी में किया जाता है तो धारा 40A (3) के प्रावधान लागू होगें। यदि प्रत्येक भुगतान 20,000 तक है, एक ही समय में दो अलग-अलग बिलों का भुगतान नकद या वाहक चैक द्वारा किया जाये और कोई भी बिल 20,000 से अधिक नहीं है किन्तु सभी बिलों की रकम 20,000 से अधिक है तो धारा 40A (3) लागू नहीं होगी।
यदि प्रश्न में स्पष्ट रूप से विज्ञापन के सम्बन्ध में भेंट एवं उपहार दिये हैं तो स्वीकृत व्यय होगा अन्यथा इसे व्यक्तिगत भेंट या कर्मचारी को दी गई भेंट मानेंगे और यह अस्वीकृत व्यय होगा।
यदि मालवाहन का उपयोग माह के कुछ दिन ही किया गया है तो उन दिनों के लिए कम से कम एक माह की आय करयोग्य आय होगी।
ऐसे व्यवसायी जो सिविल निर्माण के कार्य में संलग्न (धारा 44AD) है, या मालवाहक के व्यवसायी (धारा 44E) है या फुटकर व्यापारी (धारा 44AF) है और ये सभी या इनमें से कोई भी यह दावा करता है कि उनके व्यवसाय की आय मानी गई आय से कम है तो उन्हें अपने खातों का अनिवार्य रूप से किसी चार्टर्ड लेखपालक से अंकेक्षण कराना होगा तथा अपनी आय कम होने का सबूत देना होगा।
यदि हुण्डी पर कोई धनराशि उधार ली जाती है या उस पर दी जाने वाली राशि किसी व्यक्ति को बैंक के आदाता खाता, चैक से भिन्न रूप से अदा की जाती है, तो ऐसी राशि को आय समझा जायेगा।
ऐसे डूबे हुए ऋण की राशि जो गत वर्ष में कटौती के रूप में स्वीकार हो चुकी हो और उसकी वसूली हो जाये तो उसे व्यापार या पेशे की आय माना जाता है।
धारा 36 (1) के अन्तर्गत रखे जाने वाले संचय खाते का से निकाली गयी रकम पर निर्धारण 1998-99 से निगम या कम्पनी की कर योग्य आय मानी जायेगी।
यदि करदाता द्वारा ब्याज अधिकार शुल्क, तकनीकी सेवाओं की फीस आदि का भुगतान भारत के बाहर किया गया है और उसमें से उद्गम स्थान पर कर की निर्धारित दर से कटौती नहीं की गई है तो ऐसे व्यय अस्वीकृत होंगे।
किसी करदाता द्वारा किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा प्रकाशित सोवेनियर ब्रशर पैम्फलेट अथवा इसी प्रकार के किसी अन्य प्रकाशन में विज्ञापन पर किया गया व्यय करदाता के व्यापार अथवा पेशे के लाभों में से नहीं घटाया जायेगा।
यह रकम उस समय अस्वीकृत होगी जब उस वेतन पर उद्गम स्थान पर कर की कटौती न की गई हो।
नियोक्ता कर्मचारी को प्रदत्त सीमान्त लाभों पर चुकाया गया कर की रकम।
यदि कोई व्यक्ति ऐसा भुगतान करता है जो कानून के द्वारा अस्वीकृत है जैसे- अपहरण, हफ्ता, गुण्डागर्दी रोकने के लिए संरक्षण आदि के बारे में किया गया भुगतान, तो इसकी कटौती नहीं दी जायेगी।
किसी गैर-अनुमोदित फण्ड या ट्रस्ट में अंशदान कटौती स्वीकृत नहीं होगी, परन्तु प्रमाणित प्रावीडेण्ट फण्ड, वैधानिक, प्रॉवीडेण्ट फण्ड अथवा अनुमोदित सुपरएनुएशन फण्ड अथवा अनुमोदित ग्रेच्युटी फण्ड में नियोक्ता का अंशदान कटौती योग्य होगा।
यदि करदाता के विचार में ठेका कार्यो से आय 8% से कम है, तो उसे इसके प्रमाण में सम्पूर्ण हिसाब-किताब प्रस्तुत करना होगा।
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