बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखेसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 आयकर विधि एवं लेखे - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
वेतन शीर्षक के अन्तर्गत वेतन केवल तभी कर योग्य होगा जब वेतन भुगतान करने वाले तथा वेतन प्राप्त करने वाले में नियोक्ता तथा कर्मचारियों का सम्बन्ध हो। यदि भुगतान करने वाले तथा भुगतान प्राप्त करने वाले में मालिक तथा कर्मचारी का सम्बन्ध नहीं है, तो ऐसा भुगतान " वेतन" शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य नहीं है।
यदि कोई कर्मचारी एक या एक से अधिक नियोक्ताओं से वेतन प्राप्त करता है, तो ऐसे सभी वेतन भुगतान केवल वेतन शीर्षक की आय में कर योग्य होते हैं। इसके अन्तर्गत बकाया वेतन तथा अग्रिम वेतन भी शामिल है।
कर्मचारी द्वारा प्राप्त किये गये भुगतान चाहे वर्तमान नियोक्ता के हों या भूतपूर्व नियोक्ता के हों, सभी वेतन शीर्षक की आय में शामिल होते हैं।
कर मुक्त वेतन का आशय उस वेतन से है जिस वेतन पर आयकर का भुगतान करने का दायित्व नियोक्ता का होता है कर्मचारी का नहीं। इस सम्बन्ध में नियोक्ता द्वारा चुकाया गया आयकर कर्मचारी की आय में शामिल किया जाता है।
कर्मचारी को विदेशी सरकार से प्राप्त वेतन एवं पेंशन वेतन शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य होता है। बशर्ते सरकार द्वारा उसे कर मुक्त घोषित न किया गया हो।
यदि सेवायें भारत में प्रदान की गई है तथा उसका वेतन या पेंशन भारत के बाहर प्राप्त होता है, तो वह भारत में ही उपार्जित माना जायेगा।
यदि नियोक्ता कर्मचारी के वेतन में से कुछ कटौतियाँ घटाने के बाद उसे शुद्ध वेतन का भुगतान करता है, तो ऐसी सभी कटौतियाँ कर्मचारी के वेतन में जोड़ दी जायेगी। क्योंकि सकल वेतन ही कर योग्य होता है।
वेतन शीर्षक के अन्तर्गत वेतन तथा मजदूरी में कोई अन्तर नहीं है, दोनों ही वेतन शीर्षक की आय में कर योग्य होते हैं।
वेतन कमाने का स्थान वह होता है जिस स्थान पर सेवाएँ दी जा रही हैं। परन्तु एक सरकारी कर्मचारी की दशा में उसके द्वारा विदेश में की गई सेवाओं का वेतन भी भारत में उपार्जित/ देय माना जाता है।
न्यायालय द्वारा रोके गये वेतन को भी वेतन से आय की गणना करते समय कर योग्य आय में जोड़ दिया जायेगा।
महँगाई भत्ता तथा महँगाई वेतन दोनों को ही वेतन शीर्षक की आय की गणना करते समय जोड़ा जाता है।
मूल वेतन का अर्थ उस वेतन से है जो वेतन क्रम के अनुसार मिलता है। वेतन क्रम कर्मचारी के मूल वेतन में वृद्धि की प्रक्रिया को बताते हैं। वेतन में वृद्धि प्रत्येक वर्ष लगाई जायेगी, जो वृद्धि वेतन क्रम में दी जाती है। यह वृद्धि तब तक होगी जब तक कि उसके वेतन क्रम की अन्तिम सीमा नहीं आ जाती।
सरकारी तथा अर्द्धसरकारी कर्मचारियों की दशा में जिस माह का वेतन हो वह उसके अगले माह की पहली तिथि को देय माना जायेगा। इनका वेतन मार्च से फरवरी तक का कर योग्य होगा।
बैंकों तथा गैर-सरकारी कर्मचारियों की दशा में वेतन, जिस माह का हो उसी माह की अन्तिम तिथि को देय माना जाता है। अतः इनका वेतन अप्रैल से मार्च तक कर योग्य होगा।
जब किसी कर्मचारी की सेवा समाप्त करनी होती है तो 3 माह पूर्व उसे इस आशय की सूचना दी जाती है, और यदि उसकी सेवाएँ तुरन्त समाप्त करनी हो तो उसे इस 3 माह की अवधि का वेतन दिया जाता है, तो जिस वर्ष में यह प्राप्त होगा उसी वर्ष में यह कर योग्य होगा।
यदि कर्मचारी नियोक्ता से कोई राशि प्राप्त करता है चाहे वह सेवा शर्तों में शामिल की गई है या नहीं, कर्मचारी के लिए वह वेतन शीर्षक में ही कर योग्य होगी।
नियोक्ता से प्राप्त किया गया ऋण अग्रिम वेतन नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह प्राप्ति वापसी योग्य है। इसलिए इसे कर दाता की कुल आय में नहीं जोड़ा जाता।
कर्मचारी द्वारा जनहित में केन्द्र सरकार को "स्वेच्छा से समर्पित वेतन आयकर अधिनियम, 1961 की धारा के अन्तर्गत कर्मचारी की कर योग्य आय में शामिल नहीं किया जाता है। चाहे वह सरकारी कर्मचारी या सार्वजनिक क्षेत्र का कर्मचारी या निजी क्षेत्र का कर्मचारी ही क्यों न हो।
यदि कर्मचारी वेतन अर्जन कर लेता है परन्तु बाद में वह वेतन नहीं लेता है अर्थात् उसका त्याग कर देता है, तो यह वेतन कर्मचारी की आय में जोड़ा जायेगा। कोई भी वेतन अर्जन के उपरान्त कर योग्य होता है।
एक मृतक कर्मचारी की विधवा पत्नी अथवा उसके कानूनी उत्तराधिकारी को प्राप्त पेंशन वेतन शीर्षक की कर योग्य आय में शामिल नहीं होगी अर्थात् ऐसी पारिवारिक पेंशन अन्य साधनों से आय, शीर्षक में कर योग्य होगी।
साझेदार को देय वेतन, वेतन शीर्षक की आय में कर योग्य नहीं होता है क्योंकि साझेदार फर्म का कर्मचारी नहीं होता है अतः यह व्यापार एवं पेशे शीर्षक में कर योग्य है।
सांसदों एवं विधायकों को सरकार से प्राप्त वेतन एवं भत्ते "वेतन" शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य नहीं हैं। इनको प्राप्त वेतन एवं भत्ते अन्य साधनों से आय शीर्षक में कर योग्य हैं।
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