बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- चिंता का अर्थ क्या है तथा इसके लक्षण क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मानव शरीर तनाव, डर, असहजता, मुश्किल या नई स्थिति आदि की प्रतिक्रिया में एक भाव को उत्पन्न करता है जिसे चिंता कहा जाता है, अर्थात् चिंता एक भाव है जिसकी वजह से शरीर में कुछ क्षणिक बदलाव देखे जा सकते हैं। साधारण शब्दों में चिंता संज्ञानात्मक, शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक विशेषता वाले घटकों की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दशा है जो आमतौर पर बेचैनी, आशंका, डर और क्लेश से सम्बन्धित है। यदि खेलों में चिंता की बात की जाए तो एक अन्य दृष्टिकोण उभर कर आता है। वह यह है कि चिंता एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिए इच्छुक या तैयार होता है। सामान्यतः चिंता को तनाव की एक सामान्य प्रतिक्रिया माना जाता है। चिंता खेलों में मुश्किल स्थिति, समस्या से निपटने के प्रति खिलाड़ी को सचेत करती है। कई बार खिलाड़ी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति अत्यधिक सचेत हो जाता है और उसमें चिंता के लक्षण दिखने लगते हैं। उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों में चिंता के लक्षण दिखाना आम बात है राफेल न डाल जैसे - उच्च स्तरीय टेनिस खिलाड़ी में भी प्रतियोगिता के दौरान यह लक्षण देखे गये है जिससे उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है।
खिलाड़ियों में चिंता के शारीरिक व मनोवैज्ञानिक लक्षण देखने को मिलते हैं जो निम्न है-
शारीरिक लक्षण -
1. रक्त चाप का बह जाना।
2. श्वसन गति तीव्र हो जाना।
3. हृदय की गति का बढ़ जाना।
4. पसीना अधिक आना।
5. पेट दर्द
6. जी मिचलाना
7. रक्तशर्करा और एड्रेनालाईन स्त्राव का बढ़ जाना।
मनोवैज्ञानिक लक्षण -
1. मानसिक अस्थिरता।
2. भ्रम की स्थिति होना।
3. दृश्य विकृति उत्पन्न हो जाना।
4. निर्णय लेने में संदेह उत्पन्न हो जाना।
5. नकारात्मक विचारों में वृद्धि का होना।
6. प्रदर्शन पर ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता में कमी।
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