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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2751
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- आक्रामकता से आप क्या समझते हैं? खेल तथा आक्रामकता के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।

अथवा
आक्रामकता का क्या अर्थ है? खेलों में आक्रामकता का क्या स्थान है?

उत्तर-

खेलों में आक्रामकता एक विशेषता है जो प्रदर्शन पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। रॉबर्ट और डेबोरा के अनुसार, "आक्रामकता को ऐसे व्यवहार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो किसी अन्य जीवित प्राणी को नुकसान पहुँचाने या घायल करने के लक्ष्य के साथ किया गया हो जहाँ दूसरा प्राणी ऐसे व्यवहार से बचने के लिए उत्प्रेरित हो।"

बैरन और रिचर्डसन ने आक्रामकता को व्यवहार के ऐसे रूप में परिभाषित करते हैं जिसका उद्देश्य किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुँचाना है जोकि नुकसान उठाना नहीं चाहता है।

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए किया गया व्यवहार आक्रामकता है।

यदि खेलों में खिलाड़ी के आक्रामक व्यवहार पर बात की जाए तो स्थिति कुछ उलट जान पड़ती है। एक खिलाड़ी सोची समझी रणनीति के तहत आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन करता है, वह खेल नियमों का पालन करते हुए एक सीमा तक ही आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन करता है जिसका उद्देश्य अपने प्रतियोगी से बढ़त हासिल करना होता है न कि उसे चोट पहुँचाना।

खेल में आक्रामकता को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है - शत्रुतापूर्ण आक्रामकता (Hostile Aggression) और सहायक आक्रामकता (Instrumental Aggression)। शत्रुतापूर्ण आक्रामकता वह है जब खिलाड़ी अपने प्रतिद्वन्द्वी को नुकसान पहुँचाना चाहता है। वहीं सहायक आक्रामकता वह है जब खिलाड़ी अपने आक्रामक व्यवहार से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करता है। शोधों से यह निष्कर्ष निकला है कि अनुभवी खिलाड़ी सहायक आक्रामकता का प्रयोग अधिक करता है। वह शत्रुतापूर्ण आक्रामकता का प्रयोग कम करता है।

खेलों में आक्रामकता के प्रकार - आक्रामकता के प्रकार निम्नलिखित हैं-

1. शत्रुतापूर्ण आक्रामकता - जब खिलाड़ी किसी उद्देश्य के लिए प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को चोट अथवा नुकसान पहुँचाने का प्रयास करता है तब इसे शत्रुतापूर्ण आक्रामकता कहते हैं। साधारण शब्दों में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को हानि पहुँचाने का उद्देश्य ही शत्रुतापूर्ण आक्रामकता है।

2. सहायक आक्रामकता - इस प्रकार की आक्रामकता में खिलाड़ी प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को चोट या नुकसान पहुँचाने का इरादा नहीं होता बल्कि आक्रामकता के सहारे अपने लक्ष्य तक पहुँचने का प्रयास किया जाता है।

3. सशक्त या मुखर व्यवहार - कई मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि आक्रामकता विरोधी खिलाड़ी की एकाग्रता भंग करने का साधन है खिलाड़ी सशक्त या मुखर व्यवहार के द्वारा दूसरे का ध्यान आकर्षित कर उसकी एकाग्रता भंग करने का प्रयास करता है। इसके लिए वह मौखिक आक्रामकता का प्रदर्शन करता है।

इस प्रकार से कहा जा सकता है कि आक्रामकता खेल का हिस्सा है। खिलाड़ी इसका उपयोग तब तक कर सकता है जब तक खेल के नियमों का उल्लंघन न हों। यह बात और है कि खिलाड़ी इसके सकारात्मक पक्ष को अपनाता है या नकारात्मक पक्ष को।

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