बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए ।
अथवा
आक्रामकता को परिभाषित कीजिए। इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. आक्रामकता को परिभाषित कीजिए।
2. आक्रामकता का आशय स्पष्ट कीजिए।
3. आक्रामकता के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
4. आक्रामकता की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
5. आक्रामकता कितने प्रकार की होती है?
उत्तर-
(Meaning and Definition of Aggression)
आक्रामकता एवं हिंसा का व्यवहार हर समाज में पाया जाता है। हिंसा की घटनाओं से अनेक लोगों का जीवन बलिवेदी पर चढ़ जाता है। व्यक्तिगत व्यवहार में भी आक्रामकता, लूटपाट एवं हत्या की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। आक्रामकता का गोचर सार्वभौमिक है। इसी कारण अनेक समाज मनोवैज्ञानिक इस व्यवहार के कारणों को जानने में अधिक रुचि ले रहे हैं ताकि इसका नियंत्रण कर समाज का कल्याण किया जा सके। आक्रामकता को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न रूप में परिभाषित किया है, इनमें से कुछ प्रमुख परिभाषायें निम्नलिखित हैं-
हिलगार्ड इत्यादि (Hillguard etc., 1987) के अनुसार - "आक्रामकता वह व्यवहार है जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति को (शारीरिक या मौखिक रूप में) चोट पहुँचाना या सम्पत्ति को नष्ट करना होता है।"
बेरोन एवं बर्न (Baron and Byrne, 1987) के अनुसार - "आक्रामकता एक ऐसा व्यवहार होता है जिसका लक्ष्य दूसरों को क्षति पहुँचाना या घायल करना होता है तथा जिससे बचने के लिए वह (दूसरा व्यक्ति) प्रेरित होता है।"
मायर्स (Myers, 1988) के अनुसार - "आक्रामकता एक ऐसा शारीरिक या शाब्दिक व्यवहार होता है जिसका उद्देश्य दूसरों को चोट पहुँचाना होता है।"
उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि आक्रामकता एक ऐसा व्यवहार है जो एक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से किया जाता है, अर्थात् दूसरों के लिये पीड़ादायक परिस्थिति उत्पन्न करना आक्रामकता है। यह एक प्रकार का अवांछित व्यवहार है क्योंकि इसमें व्यक्ति पीड़ा का अनुभव करते है। समाज के द्वारा इस प्रकार का व्यवहार अनुचित माना गया है। आक्रामकता का प्रदर्शन शारीरिक या मौखिक रूप से होता है।
(Characteristics of Aggression)
आक्रामकता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. हानिकारक व्यवहार (Harmful Behaviour) - आक्रामकता एवं हिंसा हानिकारक व्यवहार होते हैं। इसका उद्देश्य दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना होता है। इसके द्वारा किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुँचाई जाती है, जैसे - अपमानित करना या शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाना आदि।
2. उद्देश्यपूर्ण व्यवहार (Intentional Behaviour) - आक्रामकता एवं हिंसा उद्देश्यपूर्ण होती है। ऐसा व्यवहार जान-बूझकर दूसरों को कष्ट पहुंचाने के उद्देश्य से किया जाता हैं।
3. सार्वभौमिकता (Universality) - आक्रामकता एवं हिंसा का व्यवहार प्रत्येक समाज में देखने को मिलता है, इसी कारण इसमें सार्वभौमिकता है।
4. पीड़ित व्यक्ति द्वारा बचाव (Defence by Victim) - चूँकि आक्रामकता एवं हिंसा में लोग व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे व्यक्ति पीड़ा का अनुभव करते हैं इस पीड़ा से बचने के लिए व्यक्ति बचाव करता है, जैसे हिंसा का जवाब हिंसा के रूप में देना, हिंसा की परिस्थिति से हट जाना आदि।
(Types of Aggression)
आक्रामकता के प्रमुख दो प्रकार निम्नलिखित हैं-
1. विद्वेषी आक्रामकता (Hostile Aggression) - मायर्स (Myers, 1988) के अनुसार "ऐसी आक्रामकता क्रोध से उत्पन्न होती है। इसका उद्देश्य किसी को क्षति पहुंचाना होता हैं।"
इस प्रकार की आक्रामकता का उद्देश्य क्रोध को व्यक्त (Explict) करना होता है जैसे - क्रोध में आकर किसी व्यक्ति को पीटना।
2. साधनात्मक आक्रामकता ( Instrumental Aggression) - मायर्स (Myers, 1988) के अनुसार, "ऐसी आक्रामकता का उद्देश्य छिपा या अव्यक्त (Implict) होता है।" जैसे, किसी को हानि या क्षति पहुँचाने का कार्य छिपकर या अप्रत्यक्ष रूप से करना ताकि अपने उद्देश्य की प्राप्ति की जा सके। इस प्रकार की आक्रामकता प्रायः दो देशों के मध्य देखने को मिलती है।
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