बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- खिलाड़ी के प्रदर्शन पर उसके व्यक्तित्व के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
व्यक्तित्व प्रदर्शन को किस प्रकार प्रभावित करता है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
व्यक्तित्व और प्रदर्शन में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
पिछले कुछ दशकों से मनोविज्ञान तथा इससे सम्बन्धित विषयों का महत्व खेल में बढ़ता चला जा रहा है। मनोविज्ञान के अन्तर्गत आने वाले विषय व्यक्तित्व का खेल तथा खिलाड़ी के प्रदर्शन पर क्या प्रभाव पड़ता है? क्या व्यक्ति के व्याक्तित्व में सुधार पर प्रदर्शन को सुधारा जा सकता है? इस विषय पर लगातार शोध हो रहे हैं जो स्पष्ट करते हैं कि अधिकांश खिलाड़ी अपने व्यक्तित्व के आधार पर अपनी पसंद के खेल का चयन करता है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अंतर्मुखी, धैर्यवान, शांत स्वभाव का है तो इस बात की सम्भावना अधिक होती है कि वह टेनिस, गोल्फ या अन्य एकल खिलाड़ी वाले खेलों को चुनेगा।
वह अपने दम पर प्रदर्शन करते हुए उपलब्धियों को प्राप्त करेगा। इसके विपरीत यदि कोई खिलाड़ी बहिर्मुखी प्रतिभा वाला है तो वह टीम में खेलना पसंद करेगा जैसे - क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी आदि इस प्रकार का व्यक्ति सामूहिक प्रयास से सफलता अर्जित करने के पक्ष में होता है। सरल शब्दों में कहा जाये तो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के अनुसार उस खेल का चयन करेगा जहाँ वह खेल की माँगों, आवश्यकताओं और प्रकृति के साथ सहज महसूस करेगा।
व्यक्तित्व में समानता नहीं पायी जाती है या प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण होते हैं। अतः एक ही टीम के सभी सदस्य एक समान प्रतिभा सम्पन्न नहीं हो सकते जिससे सही समय पर उपयुक्त खिलाड़ी यदि अपना योगदान न दें तो टीम को हार का सामना करना पड़ता है। इसे इस उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं।
एक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप मैच का परिणाम अंतिम मिनट में स्कोरिंग अवसर पर निर्भर करता है। फुटबॉल मैच में अंतिम मिनट में गेंद प्राप्त करता है। टीम के कोच को यह उम्मीद होती है कि वह गोल कर देगा परन्तु वह गेंद अपने साथी को पास कर देता है और वह गोल करने से चूक जाता है और टीम हार जाती है। खेल की दुनिया में इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर घटित होती रहती हैं। स्टार खिलाड़ी गोल करने के बजाय गेंद को साथी खिलाड़ी को पास करता है, इसका क्या कारण है? इन सभी प्रश्नों को खिलाड़ी के व्यक्तित्व से जोड़कर देखते हैं तो यह निष्कर्ष निकलता है कि खिलाड़ी का व्यक्तित्व बहिर्मुखी होना जिसका गुण सामूहिक प्रयास है।
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