बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सीखने में अधिगम पठार आने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
सीखने में अधिगम पठार आना एक स्वाभाविक घटना है जो निम्नलिखित कारणों से आती है-
1. मनो-शारीरिक सीमा - व्यक्ति की एक शारीरिक व मानसिक सीमा होती है उससे ज्यादा वह नहीं सीख पाता क्योंकि उसमें थकान, सिरदर्द जैसी समस्याएँ आने लगती हैं। प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक सीमा भिन्न-भिन्न होती है।
रायबर्न के अनुसार - "प्रत्येक कार्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति में अधिकतम कुशलता होती हैं, जिससे आगे वह नहीं बढ़ सकता। इसको शारीरिक सीमा कहते हैं। जब व्यक्ति इस सीमा में पहुँच जाता है तब उसके सीखने का पठार बन जाता है।"
2. नकारात्मक कारक - सीखने में रुचि, परिपक्वता, ज्ञान, प्रेरणा, जिज्ञासा का अभाव, थकान, निराशा, आलस्यता, उत्साहहीनता, दूषित वातावरण, पारिवारिक कठिनाइयाँ और पुरस्कार का न होना आदि नकारात्मक कारक पठार को जन्म देते हैं।
3. कार्य की जटिलता - सीखने की गलत विधि को अपना लेने से उसके सीखने में बहुत जल्द पठार आ जाता है।
4. पुरानी आदतों का नयी आदतों से संघर्ष - पुरानी आदतों का अभ्यस्त छात्र जब नये तरीके को अपनाता है तो उसे सीखने में कठिनाई होती है जिससे पठार आ जाता है। जैसे दायें हाथ का बैट्समैन बायें हाथ से खेलने का प्रयास करें।
5. जटिल कार्य के केवल एक पक्ष पर जोर - किसी जटिल कार्य को सीखते समय बालक जब उसके अन्य पक्ष पर ध्यान नहीं देता है तो पठार की स्थिति आने लगती है।
6. अभ्यास का अभाव - कला कौशल में उन्नति को निरन्तर बनाये रखने के लिए अभ्यास को आवश्यक माना जाता है। अभ्यास के अभाव में पठार आ जाता है।
7. विषय का उपयुक्त न होना - यदि विषय सीखने वाले की रुचि का नहीं है तो पठार जल्दी आ जाता है।
8. व्यवधान - सीखते समय अत्यधिक व्यवधान से ध्यान केन्द्रित नहीं हो पाता जिससे पठार बन जाता है।
9. प्रेरणा का अभाव - प्रेरणा का अभाव भी सीखने के वक्र में पठार उत्पन्न करता है।
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