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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2751
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

उत्तरमाला


1. (a)
2. (a)
3. (c)
4. (d)
5. (c)
6. (b)
7. (c)
8. (b)
9. (d)
10. (d)
11. (c)
12. (b)
13. (a)
14. (c)
15. (d)
16. (c)
17. (a)
18. (d)
19. (c)
20. (c)
21. (a)
22. (b)
23. (a)
24. (d)
25. (b)
26. (c)
27. (a)
28. (b)
29. (d)
30. (b)
31. (c)
32. (d)

 

 

अध्याय - 11
भारत के पारम्परिक खेल

(Traditional Games of India)

प्रश्न- परम्परागत खेलों का क्या अर्थ है?

अथवा
परम्परागत खेलों के प्रकार का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

परम्परागत खेल वे खेल हैं जो प्रथाओं व परम्पराओं के माध्यम से एक पीढ़ी द्वारा अगली पीढ़ी को हस्तांतरित किये जाते रहे हैं। इस प्रकार के खेल एक विशिष्ट संस्कृति या क्षेत्र से जुड़े होते हैं। पारम्परिक खेल के नियम, उपकरण व उद्देश्य आधुनिक खेलों से भिन्न हो सकते हैं। यह बालक तथा वयस्कों के लिए सरल, सुविधाजनक व सस्ते होते हैं। पारम्परिक खेलों को सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा माना जाता है क्योंकि यह किसी विशेष समाज या क्षेत्र के रीति-रिवाजों, विश्वासों व मूल्यों को दर्शाते हैं। इन खेलों को अक्सर त्योहारों, मेलों तथा सांस्कृतिक अवसरों पर आयोजित किया जाता है।

इन्हें समुदाय और सांस्कृतिक गौरव की भावना को बढ़ाने के साथ-साथ शारीरिक गतिविधि, संज्ञानात्मक विकास और सामाजिक सम्पर्क को प्रोत्साहित करने के तरीके के रूप में देखा जाता है।

यदि भारतीय परम्परागत खेलों की बात की जाये तो वे खेल जो सदियों से खेले जाते रहे हैं तथा जिनका हस्तान्तरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को होता चला आ रहा है उन्हें भारतीय परम्परागत खेल कहते हैं जैसे - कबड्डी, खो-खो, साँप-सीढ़ी, शतरंज, कैरम आदि। इन खेलों का एक अनूठा सांस्कृतिक महत्व है और यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा हैं।

हाल के वर्षों में खेलों के क्षेत्र में भी तेजी से वैश्वीकरण हुआ है। जिससे परम्परागत खेलों के विलुप्त हो जाने का खतरा मंडराने लगा है। सरकारों द्वारा इन खेलों को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परम्परागत खेल आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य व मनोरंजन का साधन बने रहें।

भारतीय परम्परागत खेलों को मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

1. इनडोर गेम्स (Indoor Games ),
2. आउटडोर गेम्स (Outdoor Games)।

इनडोर गेम्स
(Indoor Games)

इसके अन्तर्गत परम्परागत भारतीय खेल हैं जो वर्तमान में भी प्रचलन में हैं वह निम्न हैं-

(1) शतरंज - शतरंज भारत में खेला जाने वाला एक प्राचीन खेल है। इस खेल में दो खिलाड़ी खेलते हैं, यह खिलाड़ी मोहरों की चालों से एक-दूसरे को पराजित करने का प्रयास करते हैं। यह खेल खिलाड़ी की बौद्धिक व तार्किक क्षमता को प्रदर्शित करता है। इस खेल में 64 खानों का एक बोर्ड होता है जिनमें कुल 32 मोहरों को नियमानुसार रखा जाता है। इन मोहरों में 16 काले तथा 16 सफेद होते हैं जिसमें प्रत्येक 16 मोहरों में एक राजा, एक वजीर या रानी, 2 हाथी, 2 घोड़े, 2 ऊँट तथा 8 प्यादे होते हैं। इस खेल में यदि कोई खिलाड़ी अपने प्रतिद्वन्द्वी के राजा को शह देता है और राजा किसी भी प्रकार से शह से बच नहीं पाता है तो इस स्थिति को चेकमेट कहा जाता है। चेकमेट अर्थात् पूर्णतः पराजित ।

(2) लूडो - यह भारतीय परम्परागत खेल बच्चों में काफी लोकप्रिय है। इसकी लोकप्रियता का कारण सस्ता व सरल होना है। इस खेल में 2 से 4 खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं। खिलाड़ी अपने- अपने टोकन को निश्चित स्थान पर पहुँचाने का प्रयास करते हैं। यह प्रयास एक पाँसे की सहायता से होता है। पाँसे में छः पृष्ठ होते हैं जिनमें 1 से 6 तक बिन्दु पृष्ठों पर गुदे होते हैं। खिलाड़ी अपनी बारी पर पाँसे को जमीन पर फेंकता है। पाँसे के ऊपरी पृष्ठ पर अंकित बिन्दु की संख्या के अनुसार अपनी गोटी को निश्चित स्थान की ओर बढ़ाता है। इसमें निश्चित स्थान में पहले पहुँचने वाला खिलाड़ी जीतता है।

(3) साँप सीढ़ी - इस खेल में एक कार्ड बोर्ड होता है जिसमें 1 से 100 तक अंक नीचे से ऊपर की ओर क्रमशः लिखे होते हैं। कार्ड बोर्ड पर कुछ साँप व कुछ सीढ़ियाँ बनी होती हैं। इस खेल में 2 से 4 खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं। खिलाड़ी अपनी बारी आने पर पाँसे को फेंकता है। पाँसे पर जो नम्बर आता है खिलाड़ी उतने अंक अपनी गोटी को आगे बढ़ाता है। इस खेल में खिलाड़ी को निश्चित स्थान पर पहुँचने के लिए सीढ़ी मिलती है तथा सर्प के डसने से वह ऊपर न जाकर नीचे आ जाता है। इसमें निश्चित स्थान पर पहले पहुँचने वाला खिलाड़ी जीतता है।

(4) कैरम - इस खेल में लकड़ी का एक चौकोर बोर्ड होता है जिसके प्रत्येक कोने में छेद होता है। खिलाड़ी स्ट्राइकर की सहायता से गोटी को छेद में डालने का प्रयास करता है। जिस खिलाड़ी के पास अधिक गोटियाँ आ जाती हैं उसे विजयी मान लिया जाता है।

आउटडोर गेम्स
(Outdoor Games)

यह खेल घरों से बाहर मैदानों में खेले जाते हैं। कुछ परम्परागत आउटडोर खेल निम्नलिखित हैं-

(1) कबड्डी - भारत में कबड्डी प्राचीनकाल से ही लोकप्रिय खेल रहा है। यह खेल दो टीमों के मध्य खेला जाता है। इसमें प्रत्येक टीम से 7 खिलाड़ी भाग लेते हैं।

(2) खो-खो - खो-खो भारत में खेला जाने वाला एक प्राचीन खेल है। यह खेल बालिकाओं में अधिक लोकप्रिय है। इस खेल को खेलने के लिए 2 टीमों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक टीम में 9 सदस्य होते हैं।

(3) गिल्ली-डण्डा - गिल्ली-डण्डा भारतीय ग्रामीण अंचल में खेला जाने वाला एक लोकप्रिय प्राचीन खेल है। इस खेल में लगभग 3 से 5 इंच की गिल्ली (लकड़ी की छड़ी) तथा 12 से 18 इंच के डण्डे (लकड़ी की छड़ी) से खेला जाता है। इसमें खिलाड़ी डण्डे की सहायता से गिल्ली को दूर तक भेजने के लिए मारता है।

इसके अतिरिक्त मलखम्भ, कंचे, स्टापू, तीरंदाजी, तलवारबाजी आदि खेलों का भी प्रचलन भारत में है।

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